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सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि योजना के तहत लाभार्थी 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे. गंभीर बीमारियों के मामले में 10 लाख रुपये तक का खर्च मुहैया कराया जाएगा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार (28 फरवरी) को राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की. इसका मकसद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इस सुविधा का लाभ प्रदान करना है. सीएम सोरेन ने रांची में अलग-अलग कार्यक्रमों में 28,945 सरकारी प्राथमिक स्कूल शिक्षकों को ‘टैबलेट’ भी बांटे.
‘टैबलेट’ वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.
सरकारी कर्मचारी इलाज की न करें चिंता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य विधानसभा सभागार में स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘अब किसी भी श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को अपने इलाज के खर्च के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार उनके इलाज का पूरा खर्च उठाएगी.’’ हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस तरह सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर अपने कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद भी वित्तीय सहायता प्रदान की, उसी तरह राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से अपने कर्मचारियों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने का बड़ा कदम उठाया है.
स्वास्थ्य बीमा योजना आज से योजना लागू
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थी देश के किसी भी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का ‘कैशलेस’ इलाज करा सकेंगे. आधिकारिक बयान में भी कहा गया है कि गंभीर बीमारियों के मामले में 10 लाख रुपये तक का चिकित्सा खर्च मुहैया कराया जाएगा. यह योजना 1 मार्च से लागू होगी.
उन्होंने कहा, ‘‘आज प्राथमिक विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराकर एक नया अध्याय शुरू किया गया. इससे स्कूलों में उपस्थिति दर्ज करने जैसे कार्य डिजिटल माध्यम से किए जाएंगे. वहीं, टैबलेट के इस्तेमाल से बच्चों की पढ़ाई, शिक्षक प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण और बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने से जुड़े कार्यों की निगरानी करना आसान हो जाएगा. इस पहल से शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी.’’