विद्यार्थियों को सफल जीवन का मंत्र दे गए मुख्यमंत्री नायब सैनी

कुवि के 34वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को सफल जीवन का गूढ़ मंत्र दे गए मुख्यमंत्री नायब सैनी, डिग्री मिली तो विद्यार्थियों के खिल उठे चेहरे

सपनों की उड़ान हैं, हौसलों की पहचान है केवल डिग्री नहीं है ये आपकी मेहनत का सम्मान है… पक्तियों के माध्यम से विद्यार्थियों को किया प्रेरित
बोले, प्रतिस्पर्धा के दौर में 100 फीसदी देने पर हासिल होगी कामयाबी
संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। सपनों की उड़ान हैं, हौसलों की पहचान है केवल डिग्री नहीं है ये आपकी मेहनत का सम्मान है। इन पंक्तियों से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुवि के 34वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों में डिग्रियां वितरित करने के दौरान उत्साह भर दिया । इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में सफलता का गूढ़ मंत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का दौर है और इसमें खुद का 100 फीसदी देने पर ही सफलता हासिल होगी।
उन्होंने बनो सूरज रोशनी खुद आएगी, करो मेहनत कामयाबी अपना सिर झुकाएगी… पक्तियों के साथ विद्यार्थियों को जीवन में कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने विद्यार्थियों को नौकरी लेने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों को स्वीकार कर आगे बढ़ना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए।

शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि इस दीक्षांत समारोह से डिग्री हासिल करने के बाद युवा अपने सामाजिक जीवन में प्रवेश करके जिंदगी का लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ें। आज हमारे सामने भारत को दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनाने की चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए युवाओं को संकल्प लेना होगा और संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाना होगा, जिससे भारत पुन: विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर हो।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ एस को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया है। विश्वविद्यालय ने देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया है। शैक्षणिक के साथ खेलों के क्षेत्र में भी कुवि उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। इस मौके पर उपायुक्त नेहा सिंह, पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. करतार सिंह धीमान, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश भारद्वाज, बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश कुमार मल्होत्रा, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर की कुलपति प्रो. सुदेश छिकारा, एनआईटी के निदेशक प्रो. बीवी रमना रेड्डी, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश सहित विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, चेयरपर्सन, शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

धरोहर को देख गांव एवं बचपन की यादें हुई ताजा : डॉ. सोमनाथ एस
इसरो के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस ने कुवि धरोहर हरियाणा संग्रहालय का अवलोकन करते हुए कहा कि धरोहर हरियाणवी संस्कृति का अनूठा संग्रहालय है। इसे देखकर मेरे गांव एवं बचपन की यादें ताजा हो गई। हरियाणवी संस्कृति का प्रतीक है, जहां एक ओर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणवी संस्कृति को संरक्षित कर रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश की संस्कृति के प्रचार-प्रसारित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सभ्यता एवं संस्कृति उसकी विशेष पहचान होती है, जिसके संरक्षण में कुवि अहम भूमिका निभा रहा है।

वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस गाेयल शांति पुरस्कार से सम्मानित
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से इसरो के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस को वर्ष 2021-22 के लिए गोयल शांति पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को यह अवार्ड प्रदान करता है। इसके साथ ही युवा वैज्ञानिकों के लिए भी कुवि गोयल पुरस्कार समिति द्वारा राजीब गोयल युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया जाता है। गोयल पुरस्कार समिति की सदस्य प्रो. अनीता भटनागर ने गोयल पुरस्कार के बारे में विस्तृत रूप से बताया। वैज्ञानिक डॉ. सोमनाथ एस ने विद्यार्थियों को चंद्रयान-थ्री के अनुभवों को साझा किया।

उपाधि लेने वाले करीब दो हजार विद्यार्थियों में से छात्राओं की संख्या अधिक
दीक्षांत समारोह में यूजी, पीजी और पीएचडी की उपाधि लेने वाले करीब दो हजार विद्यार्थियों में से ज्यादा संख्या छात्राएं रहीं। स्वर्ण पदक हासिल करने वाले 58 विद्यार्थियों में से 48 छात्राएं रहीं। राज्यपाल ने शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी को सराहा। 139 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। मुख्यमंत्री नायब सैनी, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और अन्य अतिथियों के हाथों डिग्रियां पाकर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे।

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