28 दिसंबर की सुबह करीब 10 बजे खेत में बोरवेल की खुदाई की जा रही थी. तभी अचानक तेज प्रेशर के साथ पानी निकलने लगा. जमीन के भीतर से गैस भी प्रेशर से बाहर निकल रही थी, जिसके चलते पानी की धार 10 फीट तक ऊंची थी. यह नजारा देख आसपास के लोग दहशत में आ गए थे. किसान के खेत में पानी नदी की तरह बहने लगा. लेकिन अब यह तीन बाद यह रुक गया राजस्थान के जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र में पिछले 3 दिनों से ट्यूबवेल खुदाई के बाद भूगर्भ से जो पानी का जलजला निकलना शुरू हुआ था, वो सोमवार को बंद हो गया है. लेकिन इसमें सबसे चौकाने वाली बात ये सामने आई है कि भू-जल विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन से टर्शरी काल की रेत निकली है. ऐसे में संभावना है कि जो पानी पानी निकला है, वो 60 लाख साल पुराना हो सकता है. ऐसे में इसकी स्टडी की जरूरत है. और इसके लिए कई कुएं खोदने की आवश्यकता है.
पानी के साथ निकली टर्शरी काल की रेत
दरअसल, सोमवार को सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, IIT जोधपुर के साथ स्टेट ग्राउंड वाटर बोर्ड के प्रभारी व वरिष्ठ भुजल वैज्ञानिक डॉ नारायण इनखिया सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और वर्तमान स्थिति का जायजा लिया. यहां बोरिंग स्थल पर जमीन में दबे हुए ट्रक, मशीनें आदि निकलवाने और दुबारा पानी शुरू न हो, इसके लिए तकनीकी मदद को ONGC से संपर्क कर क्राइसेस मैनेजमेंट टीम की मांग की गई है.