मोहन यादव के मंच पर शू-मेकर्स नो कहा- ‘हमें भोपाल से किया जा रहा बाहर’, फिर CM ने कर दिया ये बड़ा ऐलान

भोपाल नगर निगम ने शहर में जूते-चप्पल बनाने वालों की दुकानों को हटा दिया है. इस वजह से मोचियों के रोजगार पर संकट आ गया है. सीएम मोहन यादव ने इस समस्या का समाधान निकाला है. भोपाल नगल निगम ने शहर में जूते-चप्पल बनाने वालों की दुकानों को हटाते हुए उन्हें अपनी जगह से विस्थापित कर दिया है. यह बात दलित समाजसेवी शोभाराम गन्नौर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने रखी है. संत रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शोभाराम गन्नौर ने दावा किया है कि भोपाल में मोचियों के साथ गलत हो रहा है और उन्हें शहर से हटा दिया गया है. यह उस भोपाल की बात है, जिसके नगर निगम में बीजेपी को बहुमत मिला हुआ है. 

अहिरवार समाज सेवा संघ के अध्यक्ष शोभाराम गन्नौर ने कार्यक्रम में कहा कि लोकल बॉडी के इस फैसले की वजह से मोचियों के रोजगार पर संकट आ गया है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कवि और संत रविदास के काफी अनुयायी हैं. करीब 17 फीसदी आबादी उन्हें फॉलो करती है.  महाराष्ट्र का दिया उदाहरण
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शोभाराम गन्नौर ने आगे कहा, “मोचियों की हालत इतनी दयनीय है कि वे अपने बच्चों की फीस के लिए भी पैसे नहीं जुटा पा रहे. महाराष्ट्र में देखा गया है कि वहां पर सरकार ने मोचियों को टेंपररी लीस पर गुमटियां दी हुई हैं और अगर रिलोकेट करने की जरूरत हो तो उन्हें स्थायी रूप से भी जगह दी गई है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं है.”

सीएम मोहन यादव ने किया समाधान का वादा
शोभाराम गन्नौर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ वहां मौजूद विधायकों और पार्षदों से इस समस्या की ओर ध्यान देने का निवेदन किया है. वहीं, सीएम मोहन यादव ने वादा किया है कि जल्द ही जूते-चप्पल बनाने वालों के लिए सही तरीके से जगह बनाई जाएगी. इसी के साथ सीएम मोहन यादव ने आदेश दिया है कि मोचियों के लिए स्थायी दुकानें बनाएं न कि अस्थायी गुमटियां.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “नगर निगम के बारे में उठाए गए मुद्दों का समाधान महापौर, नगर निगम अध्यक्ष और विधायकों द्वारा किया जाएगा. मैं इसमें उनके साथ हूं. सरकार का लक्ष्य गरीबी दूर करना, युवाओं को रोजगार देना, महिलाओं को सम्मान देना और किसानों की आय बढ़ाना है.”

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