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मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड अपने अंतर्गत आने वाली 15000 से ज्यादा वक्फ संपत्तियों की जांच करेगा। सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। देशभर की तमाम वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की तरह मध्य प्रदेश में भी सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सख्त हो गई है। मध्य प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों संभाग आयुक्तों को 5 दिनों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भौतिक सत्यापन पूरा करने का निर्देश दिया है। इसे लेकर मध्य प्रदेश का सियासी पारा अब गरमाया हुआ है।
वक्फ पर नए कानून की ओर बढ़े कदम
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर नया कानून बनाने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। वक्फ बिल में बदलावों को संसद की संयुक्त समिति जेपीसी ने सोमवार को मंजूरी दे दी। दिल्ली में 26 दिसंबर को हुई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक के बाद मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड से संबंधित संपत्तियों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने जिले के सभी कलेक्टरों, संभाग के कमिश्नरों दिए है जिसमे 5 दिन के अंदर पूरी जानकारी ऑनलाइन देनी होगी।
क्या होता है वक्फ?
दरअसल, इस्लाम में वक्फ का मतलब होता है इस्लाम को मानने वाले किसी व्यक्ति द्वारा चल अचल संपत्ति को मुस्लिम कानून द्वारा धर्मार्थ धार्मिक या पवित्र कार्य के रूप में मुस्लिम समाज के हित के लिए समर्पित करना। इसमें मुस्लिम समाज के लिए मस्जिद, मदरसे, कृषि भूमि, कब्रिस्तान, ईदगाह, यतीम खाने की जगह शामिल थी। लेकिन वक्त के साथ धीरे-धीरे इन जमीनों की गलत तरीके से शक्तिशाली लोगों द्वारा कब्जे में लेकर उसका गलत इस्तेमाल किया गया। नरेंद्र मोदी सरकार के मुताबिक वक्फ की जमीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने, कब्जे से बचाने, जमीनों को गैर कानूनी तरीकों से बेचने से बचाने के लिए कानून लाया गया है।