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भारत के सबसे अमीर लोगों में शामिल बिजनेसमैन मुकेश अंबानी का परिवार महाकुंभ पहुंचा है. मुकेश अंबानी के साथ, उनकी मां कोकिलाबेन अंबानी और दोनों बेटे भी आस्था की डुबकी लगाने महाकुंभ पहुंचे हैं.
गौतम अडानी के बाद अब मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का परिवार भी महाकुंभ पहुंचा है. मुकेश अंबानी के साथ, उनकी मां कोकिलाबेन अंबानी और दोनों बेटे-बहू भी आस्था की डुबकी लगाने महाकुंभ पहुंचे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके अलावा अंबानी परिवार के साथ 30 अन्य सदस्य भी इस यात्रा में शामिल रहेंगे. सभी लोग दोपहर तीन बजे प्रयागराज पहुंचें हैं.
बताया जा रहा है कि माघ महीना 12 जनवरी को पूरा होगा. यही वजह है कि अंबानी परिवार यह महीना पूरा होने से पहले ही माघ महीने का अमृत स्नान करने के लिए महाकुंभ पहुंचा है
माघ पूर्णिमा की वजह से जाम
माघ पूर्णिमा की वजह से संगम नगरी में भीषण जाम की समस्या बन गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रयागराज आने वाले रास्तों पर कई सौ किलोमीटर का लंबा जाम लगा हुआ है. इस ट्रैफिक जाम पर खुद सीएम योगी नजर बनाए हुए हैं, लेकिन इसके बाद भी लोगों की भीड़ और गाड़ियों का काफिला सड़कों ठसा-ठस भरा हुआ है.
जाम के लिए जिम्मेदार हैं ये वजहें
सबसे पहली वजह पार्किंग स्थलों की कमी है. दरअसल, प्रशासन ने शुरू में 102 पार्किंग स्थल बनाए थे, लेकिन अमृत स्नान के बाद इनकी संख्या घटाकर 36 कर दी गई. श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे अधिकतर पार्किंग स्थल फुल हो चुके हैं. नतीजतन, सड़क पर वाहन खड़े होने लगे हैं, जिससे जाम की समस्या और बढ़ गई है. इसके अलावा, समीपवर्ती जिलों से तालमेल की कमी भी जाम की वजह बन रही है. प्रयागराज में आने वाली गाड़ियों को सीमाओं पर नियंत्रित करने की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है. नतीजतन, बिना रोक-टोक हजारों गाड़ियां शहर में प्रवेश कर रही हैं, जिससे यातायात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.
ये वजहें भी हैं जिम्मेदार
दरअसल, महाकुंभ में यातायात और सुरक्षा के लिए बाहरी जिलों से पुलिस बल और अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. लेकिन स्थानीय भौगोलिक जानकारी के अभाव में ये जवान श्रद्धालुओं को सही रास्ता नहीं बता पा रहे हैं, जिससे जाम की समस्या और विकराल हो रही है. इसके अलावा, श्रद्धालुओं को जाम की जानकारी समय से नहीं मिल पा रही है. सड़कों पर संकेतकों और सूचना बोर्ड की कमी के कारण भी लोग गलत रास्तों पर भटक रहे हैं.