पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अर्जुन चौटाला, रणजीत चौटाला से करेंगे मुकाबला

इंडियन नैशनल लोकदल (आई.एन.एल.डी.) ने रविवार को न्टी अपने 7 उम्मीदवारों की पहली सूची ने जारी की, जिसमें उसने पार्टी नेता अभय गो चौटाला के छोटे बेटे अर्जुन चौटाला री को सिरसा जिले की रानिया विधानसभा ८. सीट से अपना उम्मीदवार घोषित पर किया। इस सीट का प्रतिनिधित्व अभय को चौटाला के चाचा रणजीत सिंह कर रहे के हैं, जिन्होंने वर्ष 2019 में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और जीता। यह पहली बार है कि अभय ने अपने बेटे को विधानसभा चुनाव में उतारा है।

5वें स्थान पर रहे थे
31 वर्षीय अर्जुन ने इससे पहले वर्ष 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन असफल रहे थे। उस समय उन्हें केवल 60,679 वोट के मिले और वह पांचवें स्थान पर रहे। 6 बाकी 6 उम्मीदवारों में शेर सिंह बड़शामी श (लाडवा), हरियाणा इनैलो अध्यक्ष तर रामपाल माजरा (कलायत), नफे सिंह राठी की विधवा शीला राठी क (बहादुरगढ़), उमेद लोहान (नारनौंद), ब तैयब हुसैन भीमसीका (हथीन) और और मास्टर गुरतेज सिंह सुखचैन (कालांवाली) शामिल हैं। अर्जुन के बड़े भाई, करण चौटाला, सिरसा जिला परिषद के अध्यक्ष हैं।

चौटाला परिवार का गढ़ है सिरसा
सिरसा जिला चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता है। पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल, उनके बेटे और पूर्व सी.एम. ओम प्रकाश चौटाला और फिर ओ.पी. चौटाला के बेटे अजय और अभय चौटाला ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत सिरसा जिले से की थी।देवी लाल के दूसरे बेटे रणजीत सिंह वर्ष 1987 में रोरी और वर्ष 2019 में रानियां से विधायक चुने गए। प्रताप चौटाला वर्ष 1967 में ऐलनाबाद से विधायक रहे। यहां तक कि परिवार की पहली महिला विधायक नैना चौटाला भी पहली बार वर्ष 2014 में सिरसा के डबवाली से चुनी गईं। इनैलो प्रदेश विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में लड़ रही है। समझौते के मुताबिक बसपा राज्य विधानसभा की 90 सीटों में से 37 सीटों पर और इनैलो 53 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

चौटाला ने 19,000 वोटों से हराया कांडा को
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, रानियां की कुल आबादी 2,43,863 है। यहां के 89.7 प्रतिशत लोग ग्रामीण और 10.3 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में निवास करते हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां 79.77 प्रतिशत वोट पड़े। भाजपा में शामिल हो चुके रणजीत सिंह चौटाला ने यहां से वर्ष 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता था। इन्हें 53,825 (37.6%) वोट मिले थे। इन्होंने गोबिंद कांडा (24 प्रतिशत वोट) को 19,431 मतों के अंतर से हराया था। इस सीट पर कुल 1,43,200 वोट पड़े। 401 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।

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