बीजेपी में जिला अध्यक्ष के पद पर समर्थन हासिल करने के लिए नेता जोर लगा रहे हैं, विशेषकर इंदौर में जहां दिग्गज नेताओं के कारण नियुक्ति में देरी हो रही है. बीजेपी में संगठन की ताकत इतनी ज्यादा है कि जिला अध्यक्ष पद पर अपने समर्थक को काबिज कराने के लिए विधायक से लेकर मंत्री तक अपना जोर लगाते हैं. ऐसा ही कुछ इंदौर सहित मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में देखने को मिल रहा है. जहां पर दिग्गज नेताओं के अड़ जाने की वजह से अभी तक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. हालांकि पार्टी इस मामले में कुछ और ही सफाई दे रही है. मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर हमेशा से मध्य प्रदेश की राजनीति को लेकर भी सुर्खियां बटोरती है. इस बार इंदौर का प्रभाव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास है. यही वजह है कि यहां पर शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्ष बनने की दौड़ में कई दिग्गज नेता शामिल हो गए हैं. शायद इसी के चलते अभी तक इंदौर में शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्ष की घोषणा नहीं हो पा रही है.
तालमेल बिठाने के लिए शायद पार्टी को लग रह रहा है वक्त’
वरिष्ठ पत्रकार सुनील जैन के मुताबिक इंदौर हमेशा से राजनीति के क्षेत्र में भी अपने अलग पहचान रखता है. यहां पर राष्ट्रीय महासचिव से लेकर कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके कैलाश विजयवर्गीय का अपना अलग ही नाम है. उनके अलावा इस बार इंदौर में सभी 9 सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती है. इसी वजह से इंदौर में संगठन के प्रमुख पद पर बैठने के लिए कई नेता शामिल हो चुके हैं. इन्हीं में तालमेल बिठाने के लिए शायद पार्टी को वक्त लग रह रहा है.
जीतू यादव कांड से भी फूंक फूंक कर रखेंगे कदम
वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा के मुताबिक इंदौर में हाल ही में हुए कमलेश कालरा और जीतू यादव के बीच विवाद कांड के बाद अब भारतीय जनता पार्टी फूंक फूंक कर कदम रख रही है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा को 10 महीने पहले ही मनोनीत किया गया था, इसलिए शायद पार्टी उनका नाम आगे कार्यकाल के लिए बढ़ा सकती है, मगर शहर अध्यक्ष के लिए पार्टी ऐसे नाम को आगे बढ़ाएगी जो भविष्य में इंदौर की राजनीति के क्षेत्र में बिगड़ी छवि को सुधार सके. उन्होंने अभी कहा कि यदि शेयर में अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए ज्यादा घमासान मस्ती है तो फिर वर्तमान अध्यक्ष को दोबारा मौका भी मिल सकता है. राणा ने यह भी कहा कि विधायक से लेकर मंत्री तक संगठन में जिला अध्यक्ष बनने के लिए अपनी ताकत लगते हैं.