रेलवे विभागीय परीक्षा में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, CBI ने 5 ऑफिसर सहित 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

इस मामले को लेकर सीबीआई ने वडोदरा, मुंबई और अहमदाबाद सहित 11 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 650 ग्राम सोना, लाखों का कैश और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रेलवे विभागीय परीक्षा में घोटाले का खुलासा करते हुए वडोदरा, पश्चिम रेलवे से दो सीनियर डिविजनल पर्सनल ऑफिसर (IRPS) अधिकारियों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर परीक्षा में पास कराने का आश्वासन दिया था.

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई ने 18 फरवरी 2025 को यह मामला दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि वडोदरा, पश्चिम रेलवे के सीनियर डिविजनल पर्सनल ऑफिसर (IRPS: 2008), डिविजनल पर्सनल ऑफिसर (IRPS: 2018), डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर (मुंबई), डिप्टी स्टेशन सुपरिटेंडेंट, एक नर्सिंग सुपरिटेंडेंट (अहमदाबाद), और एक निजी व्यक्ति इस घोटाले में शामिल थे.

आरोप है कि डिविजनल पर्सनल ऑफिसर ने डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर को 10 ऐसे उम्मीदवारों की सूची बनाने को कहा था, जो परीक्षा में पास होने के लिए रिश्वत देने को तैयार हों. इसके बाद डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर ने वडोदरा के डिप्टी स्टेशन सुपरिटेंडेंट और एक निजी व्यक्ति के जरिए इन उम्मीदवारों से रिश्वत ली.

CBI की छापेमारी और बरामदगी

इस मामले को लेकर सीबीआई ने वडोदरा, मुंबई और अहमदाबाद सहित 11 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें से 650 ग्राम सोना, 5 लाख रुपये नकद, कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए. CBI को यह भी पता चला कि एक नर्सिंग सुपरिटेंडेंट ने करीब 57 लाख रुपये देकर 650 ग्राम सोना खरीदा था, जिसे वह वडोदरा के सीनियर डिविजनल पर्सनल ऑफिसर को देने जा रहा था. यह भी आरोप लगाया गया कि वेस्टर्न रेलवे के डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर ने वडोदरा के एक ज्वेलर्स से बिना कोई इनवॉइस बनाए नकदी के बदले करीब 400 ग्राम सोना खरीदने के लिए संपर्क किया था. सीबीआई ने जो 650 ग्राम सोना बरामद किया, उसके बदले करीब 57 लाख रुपया कैश भुगतान किया था.

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