केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे हरियाणा के सीएम, चुनाव आयोग भी जाएगी भाजपा

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। हरियाणा सरकार उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में है। वहीं बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से शिकायत करने की भी तैयारी कर रहा है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के यमुना के पानी में जहर घोलने को लेकर हरियाणा सरकार पर लगाए गए आरोपों पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में जुबानी हमले तेज हो गए हैं। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल से माफी की मांग करते हुए कहा है कि वो अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगें नहीं तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया जाएगा। वहीं AAP के आरोप पर चुनाव आयोग ने सैनी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। आज 12 बजे तक सैनी सरकार चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखेगी। केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर घोलने का आरोप लगाते हुए इसे सामूहिक नरसंहार की साजिश करार दिया था। हालांकि दिल्ली जल बोर्ड ने केजरीवाल के दावे को नकार दिया है।

यमुना में जहर मिलाने का आरोप

दरअसल, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भाजपा गंदी राजनीति करके दिल्ली के लोगों को प्यासा रखने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “हरियाणा में भाजपा के लोग यमुना नदी के पानी में जहर मिला रहे हैं और इसे दिल्ली भेज रहे हैं। अगर दिल्ली के लोग यह पानी पीएंगे तो कई लोग मर जाएंगे। क्या इससे ज्यादा घिनौना कुछ हो सकता है?” केजरीवाल दिल्ली की सीएम आतिशी के आरोप के बारे टिप्पणी कर रहे थे कि हरियाणा सरकार जानबूझकर औद्योगिक अपशिष्ट को यमुना में बहा रही है, जहां से राष्ट्रीय राजधानी अपना पानी लेती है। 

चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

वहीं केजरीवाल के आरोपों पर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हरियाणा सरकार निश्चित रूप से केजरीवाल को अदालत में ले जाएगी। हम मंगलवार को उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ निर्वाचन आयोग का दरवाजा भी खटखटाएंगे।” वहीं हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि निराधार आरोप लगाना और दूसरों पर दोष मढ़ना उनकी आदत है। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हरियाणा से जलापूर्ति में अमोनिया के स्तर के बारे में आतिशी द्वारा लगाए गए आरोपों पर हरियाणा से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी।

पांच फरवरी को मतदान

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के तहत सभी 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होना है। चुनावों के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे और तभी पता चल पाएगा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की गद्दी पर इस बार किस पार्टी का नेता बैठेगा। इससे पहले कोई भी राजनीतिक दल अपनी तरफ से कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है।

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