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खनौरी बॉर्डर पर आज किसान संगठन ‘किसान महापंचायत’ करेंगे। मीटिंग में किसान अपनी आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे। एमएसपी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन के आज एक साल पूरे हो गए हैं। हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के आंदोलन के 365 दिन पूरे हो गए। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 76 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर आज खनौरी में किसान संगठन महापंचायत करेंगे।
जीटी रोड पर ट्रैफिक यातायात है प्रभावित
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने पिछले साल फरवरी में दिल्ली चलो की तर्ज पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी। हालांकि, हरियाणा सरकार द्वारा अपनी सीमाओं को मजबूत करने के साथ, किसान कार्यकर्ता पंजाब-हरियाणा सीमाओं से आगे नहीं बढ़ सके। शंभू सीमा पर नाकेबंदी का मतलब है कि शंभू के महत्वपूर्ण ग्रैंड ट्रंक (जीटी) रोड पर यातायात नहीं चल पा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने की ये घोषणा
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 12 फरवरी को एकता वार्ता के लिए एसकेएम द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेगा। इसने कहा कि उसका नेतृत्व खनौरी प्रदर्शन स्थल पर ‘किसान महापंचायत’ के अपने कार्यक्रम में व्यस्त रहेगा। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। एसकेएम ने केंद्र के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ने के लिए 12 फरवरी को चंडीगढ़ में दोनों संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
अभिमन्यु कोहाड़ ने किसान पंचायत की थी घोषणा
मंगलवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि 22 जनवरी को उन्होंने खनौरी और शंभू सीमा बिंदुओं पर जारी प्रदर्शन के एक साल पूरा होने के अवसर पर 12 फरवरी को खनौरी बॉर्डर और 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर ‘किसान महापंचायत’ के अपने कार्यक्रमों की घोषणा की थी।