एमपी की धार्मिक नगरियों में शराबबंदी पर CM मोहन यादव का बड़ा बयान, ‘मेरे दिल की इच्छा थी…’

सीएम मोहन यादव ने शराबबंदी को अपराध में कमी लाने का कदम बताया है. साथ ही बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मध्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए आशा की बड़ी किरण है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शराबबंदी को लेकर आखिरकार दिल की बात कह दी. उन्होंने कहा, “अपराध बढ़ाने के पीछे नशा भी एक बड़ा कारण है, इसलिए नशाबंदी की तरफ सरकार का यह बड़ा कदम है”. सीएम मोहन यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स  समिट पर पूरा फोकस किए जाने का बड़ा कारण भी बताया.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एबीपी लाइव से खास बातचीत में बताया, “धार्मिक नगरियों में जो शराबबंदी की है, वह सरकार का नशा मुक्ति की ओर एक बड़ा कदम है. निश्चित तौर पर यह भी कहा जा सकता है कि नशे के कारण भी अपराध बढ़ते हैं, इसलिए सरकार अपराध मुक्त मध्य प्रदेश की दिशा में काम कर रही है”.  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन सहित अन्य स्थानों पर धार्मिक क्षेत्र होने की वजह से शराबबंदी की गई है. यह वर्तमान समय में समाज की भी मांग थी. उन्होंने कहा कि क्राइम और क्राउड का आपस में नाता है. जहां पर आबादी अधिक रहती है, वहां पर अपराधों की संख्या भी अधिक देखने को मिलती है, लेकिन नशाबंदी होने से जरूर अपराधों पर लगाम कसी जा सकती है. उनके दिल की इच्छा थी कि धार्मिक नगरियों से शराब बंद हो जाए. कैबिनेट की बैठक में इस फैसले से उन्हें काफी संतोष मिला है. 

‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आशा की बड़ी किरण’
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा युवा वर्ग भारत में है और मध्य प्रदेश में भी युवाओं की संख्या काफी अधिक है. मध्य प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर दिशा में काम कर रही है. धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ फिल्मी पर्यटन को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. 

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