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समान नागरिक संहिता के तहत अब पंजीकरण को लेकर झूठी शिकायत करने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा. यह जुर्माना राशि 45 दिनों के भीतर ऑनलाइन जमा करनी होगी. उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के तहत अब पंजीकरण को लेकर झूठी शिकायत करने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा. झूठी शिकायतों के कारण उत्पन्न अनावश्यक विवादों और परेशानियों को रोकने के लिए नियमावली के अध्याय छह, नियम 20 (उपखंड दो) में यह प्रावधान किया गया है. इसके तहत पहली बार झूठी शिकायत करने पर चेतावनी, दूसरी बार 5000 रुपये जुर्माना और तीसरी बार 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माने की राशि 45 दिनों के भीतर ऑनलाइन माध्यम से जमा करनी होगी. यदि कोई व्यक्ति तय समय में इस जुर्माने का भुगतान नहीं करता है, तो उसकी वसूली भू-राजस्व की तर्ज पर तहसील के माध्यम से की जाएगी.
इस नए प्रावधान से झूठी शिकायतों के माध्यम से दूसरों को परेशान करने वालों को हतोत्साहित किया जा सकेगा. गृह विभाग का मानना है कि यह प्रावधान झूठी शिकायतों को हतोत्साहित करेगा और पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विवाद रहित बनाएगा. समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं का पंजीकरण कराने के दौरान दी गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा. यानी, किसी भी तीसरे व्यक्ति को पंजीकरण संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाएगी. केवल पंजीकरण की संख्या सार्वजनिक की जा सकेगी, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी शामिल नहीं होगी.
प्राइवेसी की सुरक्षा होगी सुनिश्चित
अपर सचिव गृह, निवेदिता कुकरेती ने बताया कि सरकार पंजीकरण को विवाद रहित बनाने और लोगों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस नए नियम से झूठी शिकायतों से बचाव के साथ ही निजता की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू की गई समान नागरिक संहिता (UCC) में विवाह, तलाक, विरासत और अन्य कानूनी मामलों से संबंधित कई नए प्रावधान किए गए हैं. पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कानूनी रूप से सशक्त बनाने के लिए यह नए नियम जोड़े गए हैं. गृह विभाग के अनुसार, यह नए नियम नागरिकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करेंगे और अनावश्यक कानूनी विवादों को रोकने में मदद करेंगे.