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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज पूर्वांचल बीजेपी मोर्चा कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने 27 साल बाद बीजेपी की जीत पर खुशी जताते हुए कहा, यह जीत वर्षों के संघर्ष का परिणाम है।बीजेपी के पिछले 27 वर्षों के वनवास में, दिल्ली ने कांग्रेस या आप सरकार द्वारा घोटाले पर घोटाले देखे। पहले कांग्रेस की सरकार में फिर आम आदमी पार्टी की सरकार में।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, बार-बार जिक्र आ रहा है 27 साल बाद सरकार। भगवान राम का वनवास भी 14 साल में खत्म हो गया था। उन्होंने कहा, आप चाहे राम के गांव से हों या सीता के गांव से, लेकिन मैं आपको एक उपाधि देना चाहूंगी कि आप सभी हनुमान हैं। पार्टी के हनुमान बनके जो काम आपने किया, आज की जीत आपकी उस सालों की तपस्या, मेहनत, लगन और समर्पण का नतीजा है।
रेखा गुप्ता ने आगे कहा, दिल्ली में जब-जब भ्रष्टाचार की नई परत खुली हमने अपना विरोध दर्ज कराया। लाठी खाई डंडे खाए। उन्होंने रामायण शब्दों में कहा, इतने रावण थे कि ये समझ नहीं आता था कि किस रावण की भुजा उखाड़ूं, किस लंका में आग लगाऊं। घर-घर रावण, जन-जन लंका, इतने राम कहां से लाऊं।
दिल्ली में एक नए युग की शुरुआत- सीएम रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता ने कहा, हम लंबे संघर्ष के बाद इस जीत का जश्न मनाने में सक्षम हैं। मैं अपने पूर्वाचल के भाइयों और बहनों को बधाई देती हूं। दिल्ली में एक नए युग की शुरुआत हुई है। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित दिल्ली बनाने के सपने को पूरा करना है।
इससे पहले रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में किये गये सभी वादों को पूरा करेगी।
गुप्ता ने दिल्ली की पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया और कहा कि इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में किये गए वादों को पूरा करेगी।
विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर एक चर्चा के दौरान गुप्ता ने आप पर कटाक्ष करते हुए उसे एक ‘‘धरना पार्टी’’ करार दिया, जो सत्ता से बाहर होने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए है।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारे शपथ लेने से पहले ही आतिशी और आप के अन्य विधायक बैनर लेकर सवाल कर रहे थे कि हम महिलाओं को 2,500 रुपये कब देंगे। वे हमसे सवाल तब कर रहे हैं, जब वे खुद पंजाब में इसी वादे को पूरा करने में विफल रहे। वे एक धरना पार्टी हैं – जब सत्ता में थे, तो वे विरोध प्रदर्शन पर बैठे, अब वे विपक्ष में हैं और वे अब भी वही कर रहे हैं।’’