UP नगर विभाग ने SPA दिल्ली के साथ किया समझौता, प्रदेश के नगर निकायों को मिलेगा अर्बन प्लानिंग का प्रशिक्षण

शहरी विकास को लेकर नगर विकास विभाग और देश के प्रतिष्ठित संस्थान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर दिल्ली के बीच समझौता हुआ. ये समझौता प्रदेश के नगर निकाय के विकास में मदद करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में शहरी विकास को लेकर एक और बड़ी पहल की गई है. प्रदेश के नगर विकास विभाग और देश के प्रतिष्ठित संस्थान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए), दिल्ली के बीच बुधवार को एक अहम समझौता हुआ. इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का मकसद प्रदेश के स्थानीय नगर निकायों को अर्बन प्लानिंग के क्षेत्र में मजबूत बनाना और अधिकारियों को इस विषय पर विशेष प्रशिक्षण देना है.

लखनऊ के नगरीय निकाय निदेशालय में हुए इस कार्यक्रम में नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार शुक्ला, निदेशक अनुज कुमार झा, एसपीए दिल्ली के निदेशक प्रो. वीरेंद्र कुमार पॉल, टाटा ट्रस्ट की शिखा श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी मौजूद रहे. यह एमओयू टाटा ट्रस्ट के सहयोग से ‘आकांक्षी नगर योजना’ के अंतर्गत किया गया है.

साझेदारी का उद्देश्य शहरी नियोजन से जुड़ी समस्याओं का समाधान
इस साझेदारी का उद्देश्य छोटे और तेजी से बढ़ते शहरों में शहरी नियोजन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है. साथ ही, नगर निकायों के अधिकारियों को प्रशिक्षित कर उन्हें बेहतर योजना बनाने और लागू करने में सक्षम बनाना है. नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि यह समझौता इस बात का संकेत है कि सरकार चाहती है कि प्रदेश का कोई भी शहर विकास की दौड़ में पीछे न रह जाए.

स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के निदेशक प्रो. पॉल ने कहा कि यह साझेदारी न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक मॉडल बन सकती है. उन्होंने कहा कि इससे एक ऐसा समूह तैयार होगा जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ शहर बनाएगा, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध नगरों के निर्माण में मदद करेगा.

योगी सरकार का मकसद योजनबद्ध तरीके से हो विकास
उत्तर प्रदेश में करीब 760 शहरी स्थानीय निकाय हैं, जिनमें नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतें शामिल हैं. इनमें से कई नगर निकाय छोटे शहरों में हैं, जहां प्रशिक्षित शहरी योजनाकारों की भारी कमी है. ऐसे में यह समझौता इन नगर निकायों को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेगा.

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न सिर्फ योजना बनाने में मदद करेगा, बल्कि जल, सड़क, कूड़ा प्रबंधन और अन्य शहरी सुविधाओं को बेहतर बनाने में भी काम आएगा. टाटा ट्रस्ट का इसमें वित्तीय सहयोग इसे और भी मजबूत बनाता है. सरकार का मकसद है कि प्रदेश के हर छोटे-बड़े शहर में योजनाबद्ध तरीके से विकास हो और लोगों को बेहतर जीवन सुविधाएं मिलें. इस एमओयू से आने वाले समय में यूपी के शहर और ज्यादा रहने लायक, सुंदर और सुव्यवस्थित बन सकेंगे.

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