
Parliament Winter Session 2025: संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने विपक्ष को चुनावी हार से उबरकर सकारात्मक भूमिका निभाने की सलाह दी. उन्होंने संसद में ‘ड्रामा नहीं, डिलीवरी’ पर जोर दिया. लोकसभा के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें चुनावी हार की निराशा से बाहर निकलकर सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए. प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि संसद में ‘ड्रामा नहीं, डिलीवरी’ होनी चाहिए. उनका कहना था कि नारेबाजी के बजाय नीतियों और ठोस काम पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह सत्र देश की प्रगति और विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे हार की भड़ास निकालने का मंच नहीं बनाया जाना चाहिए. विपक्ष को सहयोगात्मक रुख अपनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि संसद जनता की उम्मीदों के पूरा होने का स्थल है, न कि राजनीतिक भावनाएं निकालने का स्थान.
पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बात
पीएम मोदी ने कहा, “भारत ने लोकतंत्र को जिया है और यह बात बार-बार साबित हुई है, बिहार में हुए विधानसभा चुनाव ने भी यह दिखाया है . विपक्ष बिहार के नतीजों से परेशान है, वह पराजय की निराशा से बाहर निकले.” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “संसद का शीतकालीन सत्र केवल एक परंपरा नहीं है, यह भारत को विकास के पथ पर ले जाने के प्रयासों में ऊर्जा भरेगा.”
पीएम मोदी ने विपक्ष को दिया अल्टीमेटम
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में बड़ी जीत की बात करते हुए विपक्ष को अल्टीमेटम भी दिया. उन्होंने कहा, “बिहार विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति का गवाह है. विपक्ष को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और सदन में नारे नहीं, चर्चा होनी चाहिए.” पीएम मोदी ने आगे कहा, “सत्र किसी पक्ष की निराशा या किसी की विजय के अहंकार का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए. नकारात्मकता से देश निर्माण नहीं होता.” अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने युवा सांसदों को अधिक अवसर देने की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि नए सदस्यों के अनुभव और उनकी नई सोच से देश को फायदा होना चाहिए. हमारी युवा पीढ़ी जो नई दृष्टि लाती है, उससे सदन भी लाभान्वित होना चाहिए और उसके माध्यम से देश को भी नए विचार मिलने चाहिए.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने क्या कहा?
इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सोमवार को उम्मीद जताई कि संसद के सभी सदस्य लोकतंत्र की परंपराओं को मजबूत करने और शीतकालीन सत्र को ‘प्रोडक्टिव’ बनाने के लिए सार्थक योगदान देंगे.



