उन्होंने कहा- मैं कोई मायावी, जादूगर नहीं. कुछ चीजें हैं जो मैं जानता हूं, कुछ नहीं जानता, लेकिन मैं सबसे अच्छी सलाह लूंगा और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा. इसके लिए मुझे सभी के समर्थन की जरूरत है.
कोलंबो (श्रीलंका) : श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने हरिनी अमरसूर्या को श्रीलंका का 16वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया है, न्यूज़वायर की रिपोर्ट ने यह खबर दी है.
नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) पार्टी की अमरसूर्या एक शिक्षाविद, अधिकार कार्यकर्ता और विश्वविद्यालय की व्याख्याता हैं और शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अपने काम के लिए जानी जाती हैं. उनकी नियुक्ति श्रीलंका की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
न्यूज़वायर की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह सिरीमावो भंडारनायके और चंद्रिका भंडारनायके कुमारतुंगा के बाद श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं.
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2020 में एनपीपी नेशल लिस्ट के जरिए संसद पहुंची हैं अमरसूर्या
नए श्रीलंकाई प्रधानमंत्री पद संभालने वाली पहली शिक्षाविद-राजनेता हैं. हरिनी अमरसूर्या ने 2020 में एनपीपी की राष्ट्रीय लिस्ट के जरिए संसद में प्रवेश किया. सोमवार को, मार्क्सवादी-झुकाव वाले राजनेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने 21 सितंबर को हुए चुनावों में जीत हासिल करने के बाद कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय भवन में श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.
राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा, लोगों की उम्मीदें साकार करूंगा
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद, उन्होंने कहा, “मैं राजनेताओं में लोगों का विश्वास पूरी तरह से बहाल करने की पूरी कोशिश करूंगा.”
उन्होंने कहा कि वह श्रीलंका के सामने आने वाली समस्याओं की जटिलता को समझते हैं. दिसानायके ने कहा कि वह लोगों की उम्मीदों को साकार करने और श्रीलंका के सभी लोगों का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.
राष्ट्रपति ने कहा- मैं कोई जादूगर नहीं हूं, कुछ जानता हूं, कुछ नहीं
उन्होंने आगे कहा, “मैं कोई मायावी नहीं हूं, कोई जादूगर नहीं हूं.”
उन्होंने कहा, “कुछ चीजें हैं जो मैं जानता हूं और कुछ चीजें जो मैं नहीं जानता, लेकिन मैं सबसे अच्छी सलाह लूंगा और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा. इसके लिए मुझे सभी के समर्थन की जरूरत है.”
श्रीलंका के चुनाव आयोग के अनुसार, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (JVP) पार्टी और नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के अनुरा कुमारा दिसानायके ने 42.31 प्रतिशत वोट के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीता.
भ्रष्टाचार खत्म करने, राजनीति साफ करने के वादे पर लड़ा चुनाव
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, दिसानायके ने श्रीलंका में भ्रष्टाचार से निपटने और राजनीति को साफ करने के वादे पर चुनाव लड़ा था. 2022 के विनाशकारी आर्थिक संकट के बाद यह श्रीलंका का पहला राष्ट्रपति चुनाव था. इस संकट के कारण खाद्य और ईंधन की व्यापक कमी हो गई, जिसके कारण पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जुलाई 2022 में देश छोड़कर भागना पड़ा.
रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के समर्थन से श्रीलंका में स्थिति अब स्थिर हो गई है. हालांकि, सख्त मितव्ययिता उपायों के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
JVP ने 1970 और 1980 के दशक में दो विद्रोह किए. दूसरे विद्रोह के दौरान दिसानायके JVP के छात्र नेता थे. उन्होंने बताया है कि कैसे उनके एक शिक्षक ने उन्हें सरकार समर्थित मौत के दस्तों से बचाने के लिए शरण दी थी, जिन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को मार डाला था.
दिसानायके मार्क्सवादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा को अपना नायक मानते हैं
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी श्रीलंका की राजनीति में एक परिधीय (एसेंट्रिक) खिलाड़ी बनी हुई है और 2020 में हुए संसदीय चुनावों के दौरान चार प्रतिशत से भी कम वोटों से जीत हासिल की थी.
दिसानायके मार्क्सवादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा को अपने नायकों में से एक मानते हैं. लोकप्रियता में इजाफे के बाद से, अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपनी कुछ नीतियों को नरम कर दिया है, इस बात पर जोर देते हुए कि वह एक खुली अर्थव्यवस्था में विश्वास करते हैं और निजीकरण के पूरी तरह से विरोधी नहीं हैं.