बांसवाड़ा में छात्राओं के लिए खरीदी गई स्कूटी बनीं कबाड़.

बांसवाड़ा के महाविद्यालय परिसर में छात्राओं को बांटी जाने वाली 600 स्कूटी दो साल से पड़ी हैं. आलम ये है कि अब स्कूटी कबाड़ बन गयी हैं. नोडल अधिकारी को अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है.

बांसवाड़ा में स्कूली छात्राओं को अभी तक सरकार की योजना का लाभ नहीं मिला है. आवंटन होने के बावजूद 600 स्कूटी खुले आसमान में दो साल से पड़ी हुई हैं. स्कूटी वितरण का नोडल अधिकारी हरिदेव जोशी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सरला पंड्या को बनाया गया था. उन्होंने बताया कि वित्त विभाग ने अभी तक क्यूआर कोड जारी नहीं किया है. सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद छात्राओं तक स्कूटी पहुंच जायेगी.

बता दें कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 2021-22 में छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए कालीबाई भील स्कूटी योजना और देवनारायण योजना के तहत स्कूटी देने की घोषणा की थी. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 65 फीसद और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 75 फीसद से ऊपर अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का प्रावधान किया गया था. घोषणा के बाद बांसवाड़ा जिले में 3 साल से करीब 500 छात्राओं को योजना का लाभ दिया गया. योजना के तहत करीब 600 स्कूटी की और खरीदारी की गयी. इसी दौरान विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण राज्य में आचार संहिता लग गयी.

दो साल में 600 स्कूटी हो गयी कबाड़

आचार संहिता लगने के कारण वित्त विभाग ने क्यूआर कोड जारी नहीं किया. इसलिए स्कूटी का मेधावी छात्राओं में वितरण नहीं हो सका. स्कूटी दो साल से जिला मुख्यालय पर महाविद्यालय परिसर में खुले आसमान के नीचे रखे रखे कबाड़ हो गयी हैं. महाविद्यालय परिसर में स्कूटी के आसपास झाड़ियां उग आई हैं. वितरण के लिए 1500 स्कूटी शहर में अलग-अलग जगह रखी हुई हैं.

स्कूटी मामले पर मंत्री बाबूलाल खराड़ी का कहना है कि बांसवाड़ा में अधिकारियों को वितरण का निर्देश दे दिया है. उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी बात कही. मंत्री ने कहा कि अगले सप्ताह तक छात्राओं को स्कूटी मिल जायेगी. उन्होंने स्कूटी वितरण में देरी का आरोप कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर लगाया.

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