
कार्टूनिस्ट ने कोर्ट में कहा कि 2021 में पोस्ट किए गए कार्टून के लिए अब केस दर्ज हुआ है. बीएनएस की जो धारा एफआईआर में लगी है, उसमें 3 साल तक की सजा है. भगवान शिव के बारे में अनुचित टिप्पणी करने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपत्तिजनक कार्टून बनाने के आरोपी हेमंत मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हेमंत ने अग्रिम जमानत की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई की बात कही है.
हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने 8 जुलाई को हेमंत की याचिका खारिज कर दी थी. RSS कार्यकर्ताओं, प्रधानमंत्री और दूसरे लोगों के अभद्र कार्टून और भगवान शिव के बारे में की गई टिप्पणी को हाई कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग माना था.
कार्टूनिस्ट की तरफ से वकील वृंदा ग्रोवर ने मामला जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच के सामने रखा. उन्होंने कहा कि 2021 में पोस्ट किए गए कार्टून के लिए अब केस दर्ज हुआ है. बीएनएस की जो धारा एफआईआर में लगी है, उसमें 3 साल तक की सजा है. फिर भी हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत से मना कर दिया.
हेमंत मालवीय के खिलाफ इंदौर के RSS कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने लसूड़िया पुलिस थाने में इस साल मई में एफआईआर दर्ज करवाई थी. एफआईआर में कहा गया था कि हेमंत ने आपत्तिजनक सामग्री डालकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है.