
सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों और विधायकों से वन टू वन चर्चा करने का प्लान बनाया है, जिससे सियासी हलचल शुरू होती दिख रही है, क्योंकि इसे मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर भी देखा जा रहा है, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि क्या मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा तैयार होनी शुरू हो गई है. क्योंकि पिछले 20 महीनों में मंत्रियों और विधायकों के प्रदर्शन का कड़ा आंकलन कर सीएम वन टू वन चर्चा करेंगे, राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि इस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही आगामी मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां भी हो सकती है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मोहन मंत्रिपरिषद में कुछ पद फिलहाल खाली है
सीएम मोहन विधायकों और मंत्रियों से करेंगे चर्चा
बताया जा रहा है कि सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और विधायकों की जवाबदेही पर खास ध्यान दिया जाएगा, हर मंत्री के विभागीय कामकाज, विकास परियोजनाओं की प्रगति, जनसेवा, लोक कल्याण के कार्यों और विधानसभा क्षेत्र में हुए विकास का विस्तृत आंकलन किया जाएगा. वहीं विधायकों का भी क्षेत्रीय रिपोर्ट कार्ड चेक किया जाएगा ताकि उनका विकास कार्य और जनसेवा दोनों परख सकें. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि प्रदेश में हाल के दिनों में कुछ ऐसे मामले आए हैं, जहां विधायकों और प्रशासनिक स्तर पर समनव्य की कमी भी दिखी है. ऐसे में इस चर्चा को इससे भी जोड़ा जा रहा है
मंत्रिमंडल विस्तार के समीकरण
वैसे भी मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के कई समीकरण हैं. मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में वर्तमान में लगभग 4 पद खाली हैं, ऐसे में इन पदों को भरने की मांग भी अक्सर चर्चा में रहती है. माना जा रहा है कि मंत्रियों से चर्चा के बाद ही उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा, अगर किसी का रिपोर्ट कार्ड कमजोर पाया गया तो उनका भविष्य भी दांव पर हो सकता है, इसलिए सीएम मोहन यादव ऐसे मंत्रियों से सीधे संवाद करेंगे ताकि उनके प्रदर्शन में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें. वहीं अगर इस विस्तार में पिछड़े वर्ग, महिलाओं, युवा और जनजातीय समुदायों के लिए भी प्रतिनिधित्व बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है. राजनीतिक समीकरणों के साथ-साथ क्षमता और जवाबदेही को भी महत्व दिया जाएगा
अक्टूबर में शुरू होगी वन टू वन चर्चा
सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर से सीएम मोहन यादव मंत्रियों के साथ व्यक्तिगत बैठकें शुरू करेंगे, इन बैठकों में मंत्री अपनी उपलब्धियां और चुनौतियां रखेंगे, वहीं सीएम उन्हें सुझाव देंगे. जबकि वह अपने विभागों की पूरी जानकारी भी देंगे, जिसमें अब तक क्या-क्या काम हुआ इस पर भी चर्चा होगी. इसके बाद ही अंतिम रूप से मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा तय होगी. बताया जा रहा है कि सीएम मोहन यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कामकाज पर सख्ती होगी. जिन मंत्रियों और विधायकों ने अपने क्षेत्र में संतोषजनक काम नहीं किया, उनके लिए खतरा हो सकता है. हालांकि यह सभी कयासों का दौर है, क्योंकि इस पर स्पष्ट कुछ नहीं कहा गया है