
PM मोदी ने 31 मई को भोपाल से दतिया और सतना के नवनिर्मित एयरपोर्ट्स का वर्चुअल लोकार्पण किया. यह ऐतिहासिक कदम मध्य प्रदेश के पर्यटन, उद्योग और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (31 मई) लोकमाता देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के अवसर पर भोपाल में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में शामिल हुए. इस मौके पर पीएम मोदी ने दतिया और सतना के नवनिर्मित एयरपोर्ट्स का वर्चुअल लोकार्पण भोपाल से ही किया. इन दोनों हवाई अड्डों के शुभारंभ से मध्य प्रदेश के 2 प्रमुख क्षेत्रों में यातायात, पर्यटन और स्थानीय विकास को नई गति मिलेगी.
क्यों खास है दतिया एयरपोर्ट?
दतिया एयरपोर्ट का निर्माण 60 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और यह 124 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें 1.81 किलोमीटर लंबा रन-वे, दो चेक-इन काउंटर और 50 कारों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध है. फ्लाई बिग एयरलाइन की 19 सीटर विमान सेवा यहां से सप्ताह में 4 दिन संचालित की जाएगी. श्रद्धालुओं के लिए यह एयरपोर्ट खासा फायदेमंद रहेगा क्योंकि दतिया धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है. एयरपोर्ट पर पेयजल, टेंट, सुरक्षा, पार्किंग, साफ-सफाई, मेडिकल, एम्बुलेंस जैसी सुविधाओं के साथ गर्मी को ध्यान में रखते हुए ओआरएस पैकेट, अस्थायी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर की भी व्यवस्था की गई है.
जानिए सतना एयरपोर्ट की खासियत
वहीं सतना एयरपोर्ट की बात करें तो इसका निर्माण ₹37 करोड़ की लागत से पुरानी हवाई पट्टी का पुनर्निर्माण कर किया गया है. 31 अक्टूबर 2024 को निर्माण कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया और 20 दिसंबर 2024 को डीजीसीए द्वारा संचालन के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया. 1200 मीटर लंबे रनवे के साथ, इस एयरपोर्ट पर 19 सीटर विमानों की आवाजाही की सुविधा होगी. एक समय में 2 विमानों की पार्किंग की क्षमता भी यहां उपलब्ध कराई गई है, जिससे इसका प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा.
सतना एयरपोर्ट पर 750 वर्गमीटर में टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टावर, वीआईपी लाउंज, दिव्यांगजनों हेतु सुविधाएं और आधुनिक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. एयरपोर्ट की 5.5 किमी लंबी बाउंड्री वॉल इसे सुरक्षित बनाती है. इस एयरपोर्ट के शुरू होने से न केवल सतना बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र में उद्योग, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुलेंगे. इन दोनों हवाई अड्डों का शुभारंभ मध्य प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करेगा और क्षेत्रीय संपर्क को सुदृढ़ करेगा.