
नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बैन हटा लिया है। यह फैसला सोमवार को देश भर में युवाओं के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए बाद लिया गया। GEN-Z प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा घायल हुए हैं। नेपाल के संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने देर रात घोषणा की कि सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगान का फैसला वापस ले लिया गया है। एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री ने कहा, सरकार ने GEN-Z की मांग को रखते हुए सोशल मीडिया को खोलने का फैसला पहले ही कर लिया है। हालांकि, मंत्री ने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद करने को लेकर पहले लिए गए फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। गुरुंग ने कहा, ‘इस मुद्दे को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करके विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे, इसलिए सोशल मीडिया साइटों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया है।’ गुरुंग ने जेन-जी प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील की।इसके साथ ही कैबिनेट ने हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति का भी गठन किया है।
कमेटी को 15 दिनों में रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। पिछले हफ्ते ओली सरकार ने फेसबुक, वॉट्सएप और यूट्यूब समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सरकार के साथ सूचीबद्ध कराने में असफल रहने के बाद प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद नेपाल की राजधानी की सड़कों पर युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। प्रदर्शनों का नेतृत्व युवाओं ने किया, जिनकी उम्र 13 से 28 साल के बीच है।सरकार ने दावा किया था कि फर्जी खबरों और अभद्र भाषा पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबंध जरूरी था और कंपनियों पर पंजीकरण न कराने का आरोप लगाया था। मानवाधिकार समूहों ने इस कदम को सेंसरशिप का हथियार बताया था और इसकी आलोचना की थी। वहीं, आंदोलनकारियों का कहना है कि देश भर में फैले विरोध प्रदर्शन केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के खिलाफ नहीं थे, बल्कि भ्रष्टाचार और खराब आर्थिक अवसरों को लेकर भी युवाओं का प्रतिरूप था।युवाओं के गुस्से की आग से संकट को गहराता देख सरकार ने सोमवार देर रात कैबिनेट बैठक बुलाई। बता दें कि नेपाल की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 340 से अधिक घायल भी हुए हैं।
सरकार को प्रतिबंध के निर्णय पर खेद नहीं
सोमवार देर रात हुई कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने कहा कि सरकार को अपने पहले के निर्णय पर खेद नहीं है, लेकिन आंदोलन को देखते हुए प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। नेपाल में सोशल मीडिया के इस्तेमाल का रास्ता दोबारा खोला जा रहा है। उन्होंने ‘जेन-ज़ी’ (युवाओं के समूह) से आंदोलन खत्म करने की अपील भी की।गौरतलब है कि पिछले सप्ताह नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, स्नैपचैट, पिंटरेस्ट और एक्स (पूर्व ट्विटर) समेत कई प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया था। सरकार ने कहा कि ये कंपनियां नए नियमों के तहत पंजीकरण की समयसीमा का पालन नहीं कर सकीं, इसलिए बैन लगाया जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा था कि फर्जी आईडी, नफरत फैलाने वाली सामग्री, धोखाधड़ी और साइबर अपराध रोकने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश की संसद में यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा था कि ‘एक्स’ ने नेपाल की संप्रभुता का सम्मान नहीं। अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के स्वामित्व वाले इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्स ने नेपाल में पंजीकरण से इनकार कर दिया। सरकार बीते डेढ़ साल से सभी सोशल मीडिया कंपनियों से पंजीकरण कराने की अपील कर रही थी, लेकिन ऐसा नहीं कराया गया। नतीजतन सरकार को प्रतिबंध लगाने पड़े।