शीतकालीन सत्र पर कंगना रनौत का बयान, ‘विपक्ष से अपेक्षा है कि वो सदन चलने दें, अगर वो…’

Parliament Winter Session 2025: कंगना रनौत ने शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष से अपील की है. उन्होंने कहा है कि अगर वे सदन चलने देंगे तो देश से जुड़े अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा और काम संभव हो पाएगा.
शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होने कहा कि विपक्ष अगर सदन चलने देगा तो महत्वपूर्ण चर्चाएं और काम संभव हो पाएंगे. यह बयान सोमवार 1 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर आया है, जहां देश के अहम मुद्दों पर निर्णायक बहस की उम्मीद है. 

विपक्ष से अपेक्षा करते हैं कि सदन चलने दें- कंगना

कंगना रनौत ने कहा कि “हमें इस शीतकालीन सत्र के शुरू होने की बहुत खुशी है और हम विपक्ष से यही अपेक्षा करते हैं कि वो सदन चलने दें. अगर विपक्ष सहयोग करेगा तो देश से जुड़े कई अहम विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी, लेकिन यदि हंगामा होगा तो सदन नहीं चल पाएगा.”  केंद्र सरकार इस सत्र के दौरान कुल 14 नए बिल संसद के पटल पर रखने जा रही है और उन्हें पूर्ण बहुमत के साथ पास करवाने पर जोर देगी. वहीं दूसरी ओर विपक्ष दिल्ली आतंकी हमले, विशेष गहन पुनरीक्षण SIR प्रक्रिया और कई राजनीतिक एवं प्रशासनिक मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की तैयारी में जुटा है.

संसद के सुचारू संचालन को लेकर गतिरोध की आशंका के बीच सरकार ने बातचीत का रुख अपनाया है. रविवार 30 नवंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित हुई जिसमें संसद के शीतकालीन सत्र को सफल बनाने पर गहन चर्चा हुई. 

SIR का मुद्दा पकड़ सकता है जोर

वहीं विपक्ष ने भी इस सत्र को अपनी राजनीतिक रणनीति के अहम मंच के रूप में तैयार किया है जिसमें कांग्रेस के नेतृत्व में टीएमसी, समाजवादी पार्टी, डीएमके और अन्य दल शामिल हैं. विपक्ष का प्लान है कि सरकार को कई मोर्चों पर कठघरे में खड़ा किया जाए और जनता से जुड़े मुद्दों पर जवाबदेही तय की जाए. 

ऐसे संकेत साफ मिल रहे हैं कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत शांत नहीं बल्कि तेज टकराव और शोरगुल के बीच हो सकती है क्योंकि दोनों पक्ष अपनी भूमिका आक्रामक तरीके से निभाने के मूड में हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कंगना रनौत की अपील के अनुरूप सदन सुचारू रूप से चलता है या फिर पहले दिन से ही सत्र राजनीतिक टकराव और हंगामे का अखाड़ा बन जाता है.

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