JPC की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे पर लगा वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा करने का आरोप.

अनवार मणिप्पडी ने बैठक में आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने खुद वक्फ की जमीन पर कब्ज़ा किया है.

विपक्षी सांसदों ने वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक का बहिष्कार किया है. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग और कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष अनवार मणिप्पडी की ओर पेश किया गया प्रेजेंटेशन वक्फ बिल पर नहीं है. उनका कहना है कि अनवार मणिप्पडी कर्नाटका सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, जो कमेटी की कार्यवाही के मुताबिक नहीं है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

अनवार मणिप्पडी ने प्रेजेंटेशन में कर्नाटक सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष पर आरोप लगाए हैं. विपक्षी सांसदों का कहना है कि उनका यह भाषण वक्फ बिल से संबंधित नहीं है, बल्कि राजनीतिक हमलों पर आधारित है. कई विपक्षी सदस्यों ने वक्फ समिति की बैठक का बहिष्कार किया, शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि समिति नियमों के अनुसार काम नहीं कर रही है.

जेपीसी की बैठक का हुआ बहिष्कार

सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि जेपीसी की बैठक के दौरान जेपीसी ने कर्नाटक के पूर्व वफ्फ बोर्ड के चेयरमैन को बुलाया था, उन्होंने इस बैठक में आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष खरगे ने खुद वक्फ की जमीन पर कब्ज़ा किया है. जेपीसी में शामिल विपक्ष के सांसद के मुताबिक़ जेपीसी की बैठक में मुख्य उद्देश्य की बजाय सियासत साधी जा रही थी जिसका विरोध किया गया. बात नहीं बनी तो विपक्ष के सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया.

वक्फ बिल पर जेपीसी में कौन-कौन शामिल?

जेपीसी में कुल 31 सदस्यों को शामिल किया गया है, जिनमें 21 मेंबर लोकसभा के और 10 मेंबर राज्य सभा के हैं. लोकसभा के सदस्यों में जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, संजय जायसवाल, असदुद्दीन ओवैसी, अरुण भारती, अरविंत सावंत और दूसरे नेता हैं. राज्यसभा से बृजलाल, डॉक्टर मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, संजय सिंह, मोहम्मद अब्दुल्ला, वी विजसाई रेड्डी, राधा मोहन दास अग्रवाल, सैयद नसीर हुसैन जैसे नेता हैं.

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