सरकारी कर्मचारियों के लिए जम्मू-कश्मीर में नहीं सुधरे हालात! केंद्र सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

 आदेश में कहा गया है कि घाटी में तैनात कर्मचारियों के पास सरकारी खर्च पर भारत में अपनी पसंद के किसी चुनी गई जगह पर अपने परिवारों को ले जाने का विकल्प है. केंद्र सरकार ने इस बात पर सहमति जताई है कि कश्मीर घाटी में हालात अभी भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अनुकूल नहीं हैं. कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में काम करने वाले अपने कर्मचारियों के लिए रियायत और प्रोत्साहन के पैकेज को तीन साल के लिए बढ़ा दिया है.

कश्मीर घाटी जिसमें 10 जिले शामिल हैं – अनंतनाग, बारामुल्ला, बडगाम, कुपवाड़ा, पुलवामा, श्रीनगर, कुलगाम, शोपियां, गंदेरबल और बांदीपोरा इस योजना के तहत आएंगे और सभी केंद्र सरकार के कर्मचारी तीन और सालों तक इसका लाभ उठा सकेंगे.

केंद्र ने आदेश जारी कर क्या कहा?

सोमवार (24 फरवरी, 2025) को मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, “सक्षम प्राधिकारी की ओर से कश्मीर घाटी में काम करने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए रियायतों/प्रोत्साहनों के पैकेज को 1 अगस्त, 2024 से तीन साल की अवधि के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.” प्रोत्साहन पैकेज भारत सरकार के अधीन सभी मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर समान रूप से लागू है और उन्हें पैकेज में निर्धारित दरों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए.

आदेश में कहा गया है कि घाटी में तैनात कर्मचारियों के पास सरकारी खर्च पर भारत में अपनी पसंद के किसी चुनी गई जगह पर अपने परिवारों को ले जाने का विकल्प है और परिवारों के लिए परिवहन भत्ता स्थायी स्थानांतरण में स्वीकार्य है, जिसमें पिछले महीने के मूल वेतन के 80 प्रतिशत की दर से समग्र स्थानांतरण अनुदान शामिल है. जो कर्मचारी अपने परिवारों को निवास के किसी चुनी हुई जगह पर नहीं ले जाना चाहते हैं, उन्हें कार्यालय आने-जाने आदि में परिवहन में किसी भी अतिरिक्त व्यय की भरपाई के लिए उपस्थिति के प्रत्येक दिन के लिए 141 रुपये प्रतिदिन का भत्ता दिया जाता है.

आदेश में कहा गया है कि “जो कर्मचारी अपने परिवारों को देश में अपनी पसंद के किसी चयनित स्थान पर ले जाने का विकल्प चुनते हैं, वे प्रतिदिन भत्ते के लिए पात्र नहीं होंगे, क्योंकि वे पिछले महीने के मूल वेतन के 80 प्रतिशत की दर से समग्र स्थानांतरण अनुदान का लाभ उठाते हैं.

मंत्रालय ने और क्या कहा?

विभाग की ओर से कर्मचारियों के लिए ठहरने, सुरक्षा और कार्यस्थल तक परिवहन की व्यवस्था की जाएगी. मंत्रालय ने कहा, “केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को दिए जाने वाले राशन भत्ते के समान मेसिंग भत्ता दिया जाएगा. अभी ये भत्ता 142.75 रुपये प्रतिदिन है.” 

आदेश में कहा गया है कि घाटी में पेंशनभोगी जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों या वेतन और लेखा कार्यालय या कोषागारों के माध्यम से अपनी मासिक पेंशन प्राप्त करने में असमर्थ हैं, जहां से वे अपनी पेंशन प्राप्त कर रहे थे, उन्हें संबंधित प्रावधानों में छूट देते हुए घाटी के बाहर पेंशन दी जाएगी.

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