CM भजनलाल शर्मा ने जल संरक्षण को दी रफ्तार, रामगढ़ बांध से वंदे गंगा अभियान का शुभारंभ

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान का आगाज किया. अगले पंद्रह दिन तक सरकार प्रदेशभर में जल स्रोतों के जीर्णोद्वार के काम में जुटेगी. साथ ही हरा भरा राजस्थान बनाने के लिए भी जनता को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करेगी. सीएम ने एक जयपुर के रामगढ बांध से प्रदेश को पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की हुंकार भरी

गंगाजल से भरा पात्र सीएम के हाथ में थामते ही प्रदेश में भजनलाल सरकार का वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान शुरू हो गया. बीस साल से सूखे पड़े रामगढ बांध के बीचों बीच आयोजित हुए कार्यक्रम में सीएम को जनप्रतिनिधियों ने सौ किलो की माला पहनाई. सीएम ने श्रमदान कर राज्य सरकार के सिंचाई और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध कराने के बुलंद इरादे जाहिर किए

सीएम बोले- सत्ता संभालते ही जल संरक्षण से जुड़ी कई परियोजनायें हाथ में ली गई हैं, जिन पर काम शुरू हो गया है. राजस्थान आने वाले सालों में पानी के संकट से उबर जाएगा न सिंचाई के लिए पानी की कमी होगी और न कहीं पेयजल की किल्लत होगी

सरकार ने बहुत ही सोच समझकर अभियान के आगाज के लिए रामगढ बांध को चुना. छपनिया अकाल से परेशान जयपुर की जनता को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए जयपुर के महाराजा माधोसिंह द्वितीय ने 1897 में रामगढ बांध का निर्माण शुरू करवाया था, जो 1903 में बनकर तैयार हुआ. 1931 से दो हजार पांच तक रामगढ़ बांध से जयपुर शहर को पानी की सप्लाई बदस्तूर जारी रही

1982 के एशियाई खेलों की नौकायन प्रतियोगिता की मेजबानी का भी रामगढ़ बांध को सौभाग्य मिला. उसके बाद इसके बुरे दिन शुरू होते गए. धन्नासेठों ने बांध के आसपास के इलाकों में बड़े-बड़े फार्महाउस बना लिए. कैचमेंट एरिया में लगातार अतिक्रमण होते गए. अंधाधुंध जल दोहन से देखते ही देखते जयपुर शहर की लाइफलाइन रामगढ बांध दम तोड़ गया. इससे सैकड़ों गांवों में पेयजल संकट खड़ा हो गया

भूमिगत जलस्तर घटने से खेती किसानी बुरी तरह प्रभावित हुई. पिछले 20 साल में चार सरकारें अपना कार्यकाल पूरा कर गईं पर एक ने भी बांध को फिर से जिंदा करने की मुहिम नहीं चलाई. भजनलाल शर्मा ने आज एक नई शुरूआत की. लोगों को भरोसा दिलाया कि ईआरसीपी का पानी यहां तक आएगा. बांध फिर पुनर्जीवित हो जाएगा मगर ये काम इतना आसान नहीं है जितना समझा जा रहा है

जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने भी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का इजहार किया. बहरहाल वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के पहले ही दिन सरकार ने आम जनता को यकीन दिलाया कि पानी के मामले में राजस्थान आने वाले सालों में आत्मनिर्भर हो जाएगा. इससे प्रदेश को हरा भरा बनाने में मदद मिलेगी, निवेश आएगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे

अब देखना है कि भजनलाल सरकार अपनी कथनी को कब तक करनी में तब्दील करने में कामयाब होती है या इसका हश्र भी रामगढ बांध के जैसा होता है, जिसे पुनर्जीवित करने के लिए सरकारों ने बातें तो बहुत की पर धरातल पर काम कुछ नहीं किया

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