CM भजनलाल बोले- हाथ की सफाई, जादूगरी और ईमानदारी से मेहनत करने में फर्क होता है

 शिक्षा विभाग की ओर से राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह शनिवार को जवाहर नगर स्थित एक निजी स्कूल के सभागार में आयोजित किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार जो काम 5 साल में नहीं कर पाई। वह हमारी सरकार ने सिर्फ डेढ़ साल में कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि हाथ की सफाई, जादूगरी और ईमानदारी से मेहनत करने में फर्क होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मैं सही बात बोलने लगूंगा तो विपक्ष के नेताओं को दर्द होगा।

डेढ़ साल में ही हमने किए पिछली सरकार से ज्यादा कार्य

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल की तुलना में शिक्षा के क्षेत्र में योजनाओं को धरातल पर उतारने में अधिक गंभीरता के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि हमने साढ़े दस लाख साइकिलें बांटीं जबकि पिछली सरकार ने 18 महीनों में साढ़े तीन लाख और 5 वर्षों में 10 लाख 36 हजार साइकिलों का ही वितरण किया।

कौशल प्रशिक्षण में हमने तीन लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जबकि पिछली सरकार सरकार ने 5 वर्षों में 2 लाख 35 हजार को ही प्रशिक्षण दिया। छात्रा स्कूटी वितरण योजना में हमारी सरकार ने करीब 30 हजार स्कूटी बांटीं जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने 18 महीनों में 6 हजार 400 और 5 वर्षों में करीब 21 हजार स्कूटी बांटीं। टैबलेट-लैपटॉप वितरण में हमने 88 हजार से अधिक विद्यार्थियों को लाभ दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कितना बड़ा अंतर है। विपक्ष को यह सुनना चाहिए। अगर उनके पास जवाब है तो उन्हें जवाब भी देना चाहिए। कार्यक्रम में आरटीई के तहत कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों की फीस पुनर्भरण व ट्रांसपोर्ट वाउचर की एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि रिमोट का बटन दबाकर डीबीटी की। साथ ही, उन्होंने कक्षा 1 से 5 तक व संस्कृत शिक्षा की कक्षा 1 से 8 तक की नवीन पुस्तकों, शिविरा ई-बुलेटिन और भामाशाह प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन किया।

135 भामाशाहों और 91 प्रेरकों का सम्मान

समारोह में मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का सहयोग देने वाले 35 भामाशाहों को शिक्षा विभूषण सम्मान और 30 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का सहयोग देने वाले 100 भामाशाहों को शिक्षा भूषण सम्मान प्रदान किया। उन्होंने मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में प्रवासी राजस्थानी शिक्षा सम्मेलन आयोजित करने वाले 15 प्रवासी राजस्थानी भामाशाहों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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