
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि चेहरा कितना ही साफ हो, लेकिन गलत काम के धब्बे हमेशा दिख जाते हैं। भ्रष्टाचार एक ऐसी दीमक है, जो व्यवस्था को खोखला करती है। सरकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार होने के कारण अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सहायता और योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के 68वें स्थापना दिवस समारोह में बोले रहे थे। उन्होंने कहा कि आपकी समस्याओं का समाधान मेरा काम है, लेकिन प्रदेश की 8 करोड़ जनता की समस्या का समाधान करना आपका काम है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का आकार बढ़ता जा रहा है। युवा अपने हक की लड़ाई लड़ता है, लेकिन सरकारी योजनाएं फाइलों में दब जाती हैं। इस अवसर पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
मैं एक फाइल 24 मिनट में निकाल रहा तो अन्य क्यों नहीं: सीएस पंत
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि निर्णयों को लंबित रखना ही भ्रष्टाचार की जड़ है। ई-फाईलिंग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जून में 723 फाइलों का निस्तारण किया, जिसमें एक फाइल के निस्तारण में औसत 24 मिनट लगे। जब मैं यह कर सकता हूं तो अन्य विभागों के एचओडी क्यों नहीं कर सकते। एक-एक फाइल पर दर्ज हो कि यह किसके पास कितने मिनट या कितने घंटे रही।
भ्रष्टाचारियों को पकड़ने में राज्य दूसरे नंबर पर
डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र के बाद राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां सबसे अधिक भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई। एसीएस (गृह) भास्कर सावंत ने कहा कि किसी भी गलत कार्रवाई से किसी निर्दोष को पीड़ा हो या कोई भ्रष्ट बच जाए तो यह सही नहीं है।
भ्रष्टाचार के मामले में भारत निचले पायदान पर: एडीजी स्मिता
एसीबी की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव ने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स का जिक्र कर कहा कि भारत निचले पायदान पर है। जो अत्यंत चिंता का विषय है। अन्य राज्य राजस्थान एसीबी की कार्यप्रणाली सीखने के लिए यहां आते हैं। एसीबी ने अपनी इंटरनल विलिजेंस को मजबूत किया है। लोक सेवकों का भ्रष्टाचार शासन के प्रति विश्वास को खत्म कर देता है।