
रेखा गुप्ता सरकार ने दिल्ली में कैबिनेट बैठक के बाद मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया. दिल्ली सरकार ने राजधानी में सभी श्रेणियों में मजदूरों की न्यूनतम सैलरी को बढ़ाने का निर्णय लिया है. अब राजधानी के काम करने वाले हर मजदूर को कम से कम ₹18,456 प्रति माह सैलरी दी जाएगी. नई व्यवस्था के तहत अब स्किल्ड लेबर को न्यूनतम ₹24,356 प्रति माह दिए जाएंगे. यह फैसला एक अप्रैल से लागू होगा. जब बात मजदूरों के वेतन वृद्धि की हो रही है तो फिर ऐसे में रेखा गुप्ता सरकार के इस फैसले की तुलना अरविंद केजरीवाल सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान लिए गए निर्णयों से भी बनती है. केजरीवाल सरकार का गरीब और मजदूर वर्ग बड़ा वोट बैंक भी रहा है. चलिए हम आपको दोनों सरकारों के फैसले के बारे में बताते हैं
रेखा गुप्ता सरकार ने कितनी बढ़ाई मजदूरों की सैलरी?
- अन-स्किल्ड लेबर: ₹18,066 से बढ़ाकर ₹18,456 (390 रुपये की बढ़ोतरी)
- सेमी-स्क्ल्डि लेबर: ₹19,929 से बढ़ाकर ₹20,371 (442 रुपये की बढ़ोतरी)
- स्क्ल्डि लेबर: ₹21,917 से बढ़ाकर ₹22,411 (494 रुपये की बढ़ोतरी)
- गैर-मैट्रिकुलेट: ₹19,929 से बढ़ाकर ₹20,371 (442 रुपये की बढ़ोतरी)
- मैट्रिकुलेट लेकिन ग्रेजुएट नहीं: ₹21,917 से ₹22,411 – (512 रुपये की बढ़ोतरी)
- ग्रेजुएट और उससे ऊपर: ₹23,836 से बढ़ाकर ₹24,356 (520 रुपये की बढ़ोतरी)
करीब 2 प्रतिशत बढ़ाई गई मजदूरी
रेखा गुप्ता सरकार की तरफ से कहा गया, “इस बढ़ोतरी से न केवल महंगाई का असर कम होगा, बल्कि दिल्ली में बड़ी संख्या में कामगारों को राहत भी मिलेगी. संशोधित वेतन से कम वेतन पाने वाले कामगार संबंधित जिले के संयुक्त श्रम आयुक्त/उप श्रम आयुक्त के समक्ष दावा पेश कर सकते हैं. दिल्ली सरकार द्वारा बढ़ाई गई मिनिमम वेज बहुत ज्यादा नहीं है. इसमें करीब दो प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि रेखा गुप्ता को आए अभी दो महीने ही हुए हैं. आने वाले सालों में इसमें बढ़ोतरी की काफी संभावना है
केजरीवाल सरकार ने 10 सालों में 134% प्रतिशत बढ़ाया वेतन
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार ने साल 2015 से 2025 के बीच 10 साल तक राज किया. इस दौरान सबसे पहले साल 2016-2017 में पहली बड़ी वृद्धि की गई, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के कारण साल 2019 में इसे लागू किया जा सका. फिर 2020-2021 में कोविड-19 के दौरान और बाद में 2021 में दो बार अप्रैल और अक्टूबर मजदूरों की सैलरी में मामूली बढ़ोतरी की गई. ऐसे ही साल 2022 में भी अप्रैल और अक्टूबर में दो बार मजदूरों की सैलरी में मामली बढ़ोतरी हुई. फिर साल 2023 और 2024 में भी दो-दो बार मजदूरों की सैलरी में बढ़ोतरी हुई. केजरीवाल सरकार के दौरान 10 सालों में न्यूनतम मजदूरी में कुल लगभग 130-134% की वृद्धि हुई