
हरियाणा में हुई बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित उन किसानों को भी फसल के नुकसान का मुआवजा मिलेगा, जिन्होंने पीएम फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा नहीं करवाया है। ऐसे अनरजिस्टर्ड किसानों को अगले तीन दिनों के भीतर ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर ओलावृष्टि से हुए नुकसान का ब्योरा दर्ज कराने को कहा गया है, ताकि कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर नुकसान का सही ढंग से आकलन कर सकें। फसलों की बीमा कराने वाले किसानों को बीमा कंपनियों द्वारा नुकसान का मुआवजा देने का प्रविधान है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में राज्य के सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठकर उन्हें बेमौसमी बरसात तथा ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट 3 दिनों के भीतर सरकार के पास भेजने के आदेश दिए थे। राज्य में खराब फसलों की गिरदावरी का काम पहले ही शुरू हो चुका है। बुधवार देर शाम तक सभी जिलों से सरकार के पास रिपोर्ट पहुंच जाएगी, जिसके बाद प्रभावित किसानों को नुकसान का मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
खराब फसल के लिए खोले गए क्षतिपूर्ति पोर्टल
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों से कहा कि वे चिंता न करें। राज्य सरकार उनकी खराब फसलों के नुकसान की भरपाई करेगी। राज्य में किसानों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और हरियाणा क्षतिपूर्ति पोर्टल के जरिए फसल नुकसान की रिपोर्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध है। जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है, वे अपने पास के कृषि अधिकारी से संपर्क कर अपनी फसल खराब की रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं।
प्रदेश के 10 जिलों के 615 गांवों से इकट्ठी की गई जानकारी, जिसमें अंबाला के 166 गांव, भिवानी के 20 गांव, हिसार के 7 और चरखी दादरी के 9 गांव के लिए पोर्टल खोला गया। इसके अलावा यमुनानगर के 78 गांव, जींद जिले के 66, रेवाड़ी के 81, पलवल के 19, नूह के 9 और महेंद्रगढ़ के 160 गांव के लिए भी पोर्टल खोला गया। प्रदेश सरकार किसान के नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने की सराहना
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में आबकारी और कराधान विभाग ने जीएसटी के संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की। जीएसटी संग्रह में हरियाणा फरवरी, 2025 में देश के प्रमुख राज्यों में सबसे अधिक वृद्धि करने वाला राज्य बना रहा। जीएसटी संग्रह में हरियाणा ने 20 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की, जो कि राष्ट्रीय विकास औसत 10 प्रतिशत से दोगुना है। 5 राज्यों में जीएसटी संग्रह में हरियाणा देश के टॉप पर है। सकल जीएसटी संग्रह फरवरी 2025 में हरियाणा में 9,925 करोड़ रुपये, जबकि फरवरी 2024 में यह 8,269 करोड़ रुपये था। हरियाणा आर्थिक और वित्तीय स्तर पर अधिक मजबूत होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आबकारी और कराधान विभाग द्वारा उच्च जीएसटी संग्रह की सराहना की।