
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में 22 नगर परिषदों के चुनाव टाले जाने पर नाराजगी जताई है. सीएम ने कहा कि इस संदर्भ में आयोग को पत्र लिखेंगे. महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव के तहत 22 नगर परिषदों के चुनाव टलने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नाराजगी जाहिर की है. अचानक चुनाव रद्द होने पर नाराजगी जताते हुए सीएम ने कहा कि ‘कल मतदान है और चुनाव एक दिन पहले रद्द कर दिए गए. इससे कार्यकर्ता निराश हुए. चुनाव आयोग ने कानून का गलत अर्थ निकाला है. इस तरह किसी के कोर्ट जाने पर चुनाव टाले जाएं ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
सीएम ने कहा कि चुनाव आयोग कौन-सा कानून निकाल रहा है और किससे सलाह ले रहा है, पता नहीं. मैंने कई वकीलों से बात की इस तरह किसी व्यक्ति के कोर्ट जाने पर चुनाव आगे नहीं बढ़ाए जा सकते.
सीएम ने दिया निलंगे का उदाहरण
फडणवीस ने कहा’निलंगे का उदाहरण लीजिए. मैं संभाजी पाटील निलंगेकर से बात की. सारी प्रक्रिया पूरी थी. किसी एक का फॉर्म रद्द हुआ, वह कोर्ट गया, कोर्ट ने भी फॉर्म रद्द ही रखा. बाकी उम्मीदवारों को पूरे समय प्रचार मिला. लेकिन किसी के कोर्ट में जाने पर चुनाव टाल दिया यह गलत है. हाँ, चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था है.चुनाव कराना उनका अधिकार है, लेकिन कानूनी रूप से चुनाव आगे बढ़ाना गलत हुआ. जिन्होंने ईमानदारी से तैयारी की और जो कार्यकर्ता मेहनत कर रहे थे, उनके साथ यह अन्याय है. हम चुनाव आयोग को इस बारे में प्रतिनिधित्व देंगे.’
आयोग का निर्णय गलत नगर विकास विभाग का संबंध नहीं- सीएम
उन्होंने कहा ‘चुनाव आगे बढ़ाना गलत था. इसमें नगरविकास विभाग का कोई संबंध नहीं. यह चुनाव आयोग का निर्णय है. कलेक्टरों ने अपनी रिपोर्ट दी और आयोग ने निर्णय लिया उसे मानना पड़ता है, लेकिन वह निर्णय गलत है.’



