Char Dham Yatra: बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों में उमड़ रही भीड़, देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालु

Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बावजूद उत्तराखंड के शीतकालीन पूजा स्थलों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. देश-विदेश भक्त धार्मिक यात्रा पर पहुंच रहे हैं.
चारधाम यात्रा के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बावजूद उत्तराखंड के शीतकालीन पूजा स्थलों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की शीतकालीन गद्दियों के दर्शन के लिए देश-विदेश से भक्त लगातार पहुंच रहे हैं. बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि अब तक पांडुकेश्वर, ज्योतिर्मठ और ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में 3567 से अधिक भक्त दर्शन कर चुके हैं, जो इस बार की यात्रा में बढ़ते उत्साह का संकेत है.

केदारनाथ धाम और मद्महेश्वर की शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में सबसे अधिक रौनक देखने को मिल रही है, जहां अब तक 3215 श्रद्धालु भगवान केदार के दर्शन कर चुके हैं. वहीं बदरीनाथ धाम की शीतकालीन पूजा स्थली योगबदरी पांडुकेश्वर में 57 श्रद्धालुओं ने शीष नवाया है. नृसिंह मंदिर, ज्योतिर्मठ में भी 257 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. बीकेटीसी का कहना है कि इस वर्ष शीतकालीन यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है, जिसके चलते आम लोगों में भी विशेष आकर्षण बढ़ा है.

शीतकालीन यात्रा को लेकर उत्साह

शीतकालीन यात्रा को लेकर उत्साह बढ़ने की एक प्रमुख वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 30 नवंबर को मन की बात कार्यक्रम में इन स्थलों का उल्लेख होना भी माना जा रहा है. इसके बाद पूरे देश में इन पूजा स्थलों की लोकप्रियता और बढ़ी है. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से दिव्य-भव्य दर्शन का अनुभव कर सकें.

तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का रखा जा रहा ध्यान

मंदिर समिति और जिला प्रशासन तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए परिवहन, सुरक्षा, आवास, प्रसाद वितरण और चिकित्सा सुविधाओं सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहे हैं. स्थानीय व्यापारियों, होटल व्यवसायियों और तीर्थ पुरोहितों से भी यात्रा को सफल बनाने के लिए विशेष सहयोग की अपील की गई है. शीतकालीन पूजा स्थलों पर विशेष पूजा-अर्चना, महाआरती, धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से यात्रा को अधिक आध्यात्मिक और आकर्षक बनाया जा रहा है. यात्रा के दौरान भक्तों को पारंपरिक रीति-रिवाजों और देव संस्कृति के दर्शन कराने के लिए स्थानीय समुदाय भी सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है. शीतकालीन यात्रा की बढ़ती लोकप्रियता उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है.

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