हेल्दी रहने के लिए शरीर में सभी पोषक तत्वों का सही मात्रा में होना जरूरी है। हालांकि विटामिन-डी की कमी (Vitamin-D Deficiency) होना एक आम बात है। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसे नजरअंदाज करने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानें इसकी कमी के लक्षण (Vitamin D Deficiency Symptoms) कैसे होते हैं और इसे कैसे दूर किया जा सकता है।
विटामिन-डी, जिसे “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह विटामिन न केवल हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, बल्कि और भी कई जरूरी कामों में मदद करता है। इसलिए इसकी कमी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है। यहां हम आपको विटामिन-डी की कमी के कुछ लक्षण (Vitamin D Deficiency Signs) और इसकी कमी को कैसे पूरा कर सकते (Vitamin D Deficiency Prevention Tips) हैं, इस बारे में बताएंगे।
क्यों जरूरी है विटामिन-डी?
हड्डियों का स्वास्थ्य- विटामिन-डी कैल्शियम और फास्फोरस को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी हैं। इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
इम्यून सिस्टम- विटामिन-डी हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह अलग-अलग प्रकार के इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है।
मांसपेशियों का स्वास्थ्य- विटामिन-डी मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द हो सकता है।
हार्ट हेल्थ- विटामिन-डी दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में भी मदद कर सकता है।
मूड- विटामिन-डी मूड को बेहतर बनाने में भी भूमिका निभाता है। इसकी कमी से डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।
विटामिन-डी की कमी के लक्षण क्या हैं?
विटामिन-डी की कमी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग तरह के हो सकते हैं। इसके कुछ आम लक्षणों में शामिल हैं-
थकान और कमजोरी
हड्डियों में दर्द
मांसपेशियों में दर्द
बार-बार बीमार पड़ना
मूड स्विंग्स
बालों का झड़ना
किन वजहों से हो सकती है विटामिन-डी की कमी?
सूरज की रोशनी की कमी- सूरज की रोशनी विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्रोत है। सर्दियों के मौसम में या मानसून में जब धूप कम निकलती है, तो उस वक्त विटामिन-डी की कमी का खतरा बढ़ जाता है।
त्वचा का रंग- गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को विटामिन-डी बनाने के लिए अधिक सूरज की रोशनी की जरूरत होती है।
वजन- मोटापे से पीड़ित लोगों में विटामिन-डी की कमी का खतरा ज्यादा रहता है।
डाइट- विटामिन-डी से भरपूर फूड आइटम्स का सेवन न करना भी विटामिन-डी की कमी का कारण बन सकता है।
कुछ दवाएं- कुछ दवाएं, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, विटामिन-डी को अब्जॉर्ब करने में बाधा डाल सकती हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं- पाचन संबंधी समस्याएं भी विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन को प्रभावित कर सकती हैं।
विटामिन-डी की कमी को कैसे दूर करें?
धूप लें – रोजाना धूप जरूर लें, इसके लिए 10 बजे से पहले का समय अच्छा होता है। साथ ही धूप से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
डाइट- धूप लेने के साथ आपको डाइट पर भी ध्यान देना होगा। विटामिन-डी से भरपूर फूड आइटम्स का सेवन करें, जैसे कि मछली (सालमन, ट्यूना), अंडे, दूध, दही, और कुछ प्रकार के मशरूम।
सप्लीमेंट्स- डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-डी सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
विटामिन-डी की कमी का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट की सलाह देंगे। साथ ही इसके लिए किसी भी तरह की दवा डॉक्टर की सलाह के बगैर न लें। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा मात्रा में विटामिन-डी लेने से भी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।