
Bihar Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा. इससे पहले 15 फीसदी मतदाताओं ने सभी राजनीतिक दलों की मुश्किल बढ़ा दी है.
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है. पहले चरण का चुनाव 6 नवंबर को है तो दूसरे चरण 11 नवंबर को .उससे पहले 28 अक्टूबर को छठ महापर्व की दूसरी अर्थ के साथ समाप्ति हो रही है. यानी कहा जाए तो छठ की समाप्ति के नौवें दिन पहले चरण और 14 वें दिन दूसरा चरण का चुनाव है .ऐसे में सभी पार्टियों के नेता इस फिराक में है कि दीपावली और छठ में आने वाले प्रवासी को चुनाव तक रोका जाए क्योंकि छठ पर्व से चुनाव के दिनों में काफी ज्यादा अंतर है .ऐसे में सभी दल के लोग प्रवासियों को को रोकने में जुट गए हैं.
आंकड़ों के अनुसार करीब 46 लाख बिहार के लोग हैं जो दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी कर रहे हैं या अपना रोजगार कर रहे हैं. जो तो 21 लाख के करीब ऐसे लोग भी हैं जो विदेश में हैं. छठ हिंदुओं का मुख्य पर्व माना जाता है और ऐसे में बाहर में रह रहे लोग हर हाल में अपना घर आते हैं .सभी दलों के लोगों की चिंताए है कि यह लोग अगर छठ में आते हैं तो निश्चित तौर पर काम के लिए दो-तीन दिन बाद चले जाते हैं. इतने दिनों तक कैसे रोका जाए उसके लिए सभी दल के लोग पूरी तैयारी में हैं .
क्या कहना है बीजेपी और कांग्रेस का?
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि इस बार पूरा बिहार बदलाव की मूड में है और हमारे गठबंधन के सभी दल के लोग एक-एक वोटर को चिन्हित करके बूथ तक पहुंचाने का काम करेंगे. इसके लिए प्रवासी लोग जो त्यौहार में आने वाले हैं वह लोग चुनाव का महापर्व में सम्मिलित हो इसके लिए पंचायत स्तर तक हमारे गठबंधन के सभी दलों के ने कार्यकर्ता लगे हुए हैं. अभी तो अधिकांश लोग नहीं आए हैं लेकिन यह टारगेट की जा रही है कि कौन-कौन लोग आने वाले हैं .आने के बाद उन लोग से आग्रह की किया जाएगा और हर हाल में उन लोगों को रोका जाएगा.
ये 15 फीसदी लोग क्या करेंगे?
सभी दल के लोग इसलिए ज्यादा चिंतित हैं कि करीब 46 लाख लोग रोजी रोजगार के लिए बाहर है उसमें अगर आधे लोग या उससे कुछ कम भी अपने घर आते हैं तो 20 लाख से ऊपर मतदाता किसी संख्या बढ़ेगी और सभी विधानसभा क्षेत्र में यह वोट निर्णय करने वाला हो सकता है. जातियों के आधार पर सभी पार्टियों इन वोटर्स को रोकने में जुटी है.
बिहार सरकार की रिपोर्ट के अनुसार बिहार से बाहर रहने वाले सबसे अधिक सवर्ण वर्ग के 5.6% लोग बिहार से बाहर रह रहे हैं तो पिछड़ा वर्ग करीब 3.30 प्रतिशत है तो अनुसूचित जाति 2.50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति 2.84% है. अन्य जातियों में 3.5 % आबादी बिहार से बाहर रहते हैं .सवर्ण जातियों में सबसे अधिक ब्राह्मण है जो 7.5 दूसरे राज्यों में रहते है. भूमिहार और राजपूत भी 6 फीसदी के करीब प्रवासी हैं. ऐसा माना जाता है कि सवर्ण जाति के लोग दीपावली और छठ के त्यौहार में अपने घर बिहार जरूर आते हैं ऐसे में सभी पार्टियों की इन पर पैनी नजर रखे हुए हैं.