
ममता ने कहा कि बीजेपी बांग्ला बोलने वाले हर शख्स को बांग्लादेशी बताती है, उन्हें देश से बाहर करने की बात कहती है। उन्होंने कहा कि वो बंगाल में बीजेपी की गुंडागर्दी नहीं चलने देंगी। अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंच चुके हैं, लेकिन उनके बंगाल पहुंचने से पहले ही ‘बांग्लादेशी घुसपैठ’ का मुद्दा केंद्र बिंदु बन गया है। असम की धरती से अमित शाह ने एक-एक घुसपैठिये को देश से बाहर करने का संकल्प दोहराकर बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है।
कोलकाता रवाना होने से पहले अमित शाह असम के नगांव जिले में थे। वहां उन्होंने महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव जी की जन्मस्थली ‘बटाद्रवा थान पुनर्विकास परियोजना’ का उद्घाटन किया। 162 बीघा जमीन पर 222 करोड़ रुपये की लागत से बने इस भव्य तीर्थ स्थल का लोकार्पण करते हुए अमित शाह ने पिछली सरकारों पर कड़ा प्रहार किया।
अमित शाह ने कहा, “वर्षों से यह पवित्र स्थान घुसपैठियों के कब्जे में था। हमारी सरकार ने न केवल इसे घुसपैठियों से मुक्त कराया, बल्कि इसे एक विश्व-प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बनाया है। अब देश से एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुनकर बाहर निकाला जाएगा।”
“बांग्ला बोलने वाला हर शख्स बांग्लादेशी नहीं”
अमित शाह के कोलकाता पहुंचने से पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बीजेपी पर ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी बांग्ला भाषा बोलने वाले हर नागरिक को संदिग्ध नजरों से देख रही है।
ममता बनर्जी ने कहा, “क्या बांग्ला भाषा में बात करने से कोई बांग्लादेशी हो जाता है? 1971 के समझौते के अनुसार जो लोग आए, वे भारत के नागरिक हैं। जिन्होंने देश के लिए खून दिया और जेल गए, आप उन्हें बाहर निकालने की बात कर रहे हैं? बंगाल में बीजेपी की यह गुंडागर्दी नहीं चलेगी।” अमित शाह अगले दो दिन कोलकाता में रहेंगे, जहां वे संगठन की बैठकों के साथ-साथ आगामी चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे। साफ है कि बीजेपी इस बार ‘घुसपैठ’ और ‘नागरिकता’ को बंगाल चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है, वहीं ममता बनर्जी इसे ‘बंगाली अस्मिता’ से जोड़कर जवाब दे रही हैं।


