
Bangladesh Hindu Injustice: बांग्लादेश में यूनुस सरकार के आने के बाद से हिंदुओं पर लगातार जुल्म हो रहे हैं. घर जलाए गए, हत्याएं हुईं और ईशनिंदा के आरोप लगे. कट्टरपंथ ने हिंदुओं को टारगेट बना लिया है. अगस्त 2024 में बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल (BHBCUC) और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2024 से जून 2025 तक हिंदुओं पर 2,442 से ज्यादा हमले हुए, जिनमें मंदिरों पर तोड़फोड़, घर जलाना और हत्याएं शामिल हैं. इनमें से कई हत्याएं राजनीतिक बदले या कथित ब्लास्फेमी (ईशनिंदा) के आरोप में हुईं. कुछ रिपोर्ट्स में इन्हें धार्मिक नफरत से जोड़ा गया, जबकि कुछ में राजनीतिक वजहें बताई गईं.
हिंदू परिवारों के घरों में आग लगा दी, 7 साल की बच्ची जिंदा जली
हिंदुओं पर जुल्म की हालिया घटना चटगांव की है, जहां 2 हिंदू परिवारों के घरों को फूंक दिया. बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें चटगांव में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कई हिंदुओं के घर जला दिए. यह घटना 23 दिसंबर 2025 को हुई, जिसमें संपत्ति का नुकसान हुआ और परिवार के पालतू जानवरों की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ितों की पहचान जयंती संघ और बाबू शुकुशील के रूप में हुई. घटना के समय परिवार अपने घर के अंदर था. चश्मदीदों ने बताया कि आग की लपटों से बचने के लिए परिवार को बाड़ काटकर भागना पड़ा, क्योंकि सारे दरवाजे बंद हो चुके थे.
इससे पहले 19 दिसंबर की देर रात कुछ उपद्रवियों ने लक्ष्मीपुर सदर में एक घर को बाहर से बंद कर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. आग में जिंदा जलने से एक 7 साल की बच्ची की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे. पुलिस के मुताबिक घटना रात करीब 1 बजे हुई थी. आग लगने से 7 साल की बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई थी.
ईशनिंदा के आरोप लगाकर हत्याएं कर दीं
18 दिसंबर को ढाका के पास भालुका में हिंदू युवक दीपू चंद्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने दीपू पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था. दीपू कपड़ा कारखाने में काम करते थे. दावा था कि दीपू ने फेसबुक पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की थी, लेकिन जांच में ऐसी किसी टिप्पणी के सबूत नहीं मिले. जबकि यह हत्या फैक्ट्री में काम को लेकर हुए विवाद का नतीजा थी.
हिंदुओं की हत्या का सिलसिला यहीं नहीं थमा, बल्कि सिर्फ दिसंबर में ही जुल्म की इंतेहा कर दी.
- रंगपुर में दुकानदार उत्तम कुमार बर्मन को ईशनिंदा के आरोप में लिंचिंग कर हत्या कर दी. 12 लोग गिरफ्तार हुए.
- नरसिंगदी में ज्वेलर प्रांतोष कर्मकार की गोली मारकर हत्या कर दी.
- फरीदपुर में मछली व्यापारी उत्पल सरकार को मार दिया.
- रंगपुर में फ्रीडम फाइटर दंपति योगेश चंद्र रॉय और सुबर्णा रॉय को बेरहमी से पीटा गया, सिर पर चोट से मौत हो गई.
- इसके अलावा अगस्त 2024 में बागेरहाट में स्कूल टीचर मृणाल कांति चक्रवर्ती के घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी.
अगस्त 2024 की शुरुआती हिंसा में कम से कम 5 हिंदुओं की हत्या हुई, लेकिन ज्यादातर नाम सार्वजनिक नहीं किए गए. BHBCUC ने सितंबर 2024 में 9 हिंदू पुरुषों की हत्या धार्मिक नफरत से जोड़ी, जबकि कुछ जांचों में राजनीतिक कारण बताया गया. कुल मिलाकर, हसीना के जाने के बाद 23 से 27 हिंदू हत्याओं की बात सामने आई है.
बांग्लादेश में चुनाव से पहले स्थिति बिगड़ने की आशंका
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की निंदा की और कई गिरफ्तारियां कीं, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षा की मांग कर रहा है. भारत ने भी चिंता जताई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई हमले अवामी लीग समर्थक होने की वजह से हुए, लेकिन धार्मिक तनाव भी बढ़ा है. फरवरी 2026 के चुनाव से पहले स्थिति और बिगड़ने की आशंका है.
बांग्लादेश में हिंदू आबादी बहुत कम, लेकिन जुल्म ज्यादा
पॉपुलेशन एंड हाउसिंग सेंसस 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में हिंदू आबादी लगभग 1.31 करोड़ है, जो कुल जनसंख्या का 7.95% है. यह आंकड़े बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (BBS) ने जारी किए थे. उस समय देश की कुल जनसंख्या 16.52 करोड़ थी. 2022 के बाद कोई नई जनगणना नहीं हुई.
वर्ल्डोमीटर के अनुमान के मुताबिक, बांग्लादेश की कुल जनसंख्या दिसंबर 2025 तक करीब 17.6 करोड़ पहुंच चुकी है. अगर प्रतिशत वही रहा तो हिंदू आबादी 1.4 करोड़ के आसपास हो सकती है, लेकिन कई रिपोर्ट्स में पलायन, कम जन्म दर और अन्य कारणों से हिंदू प्रतिशत में कमी की बात कही जाती है.



