गिर गया सोने का दाम, जानें आज 19 दिसंबर को कितना सस्ता हो गया आपके शहर में गोल्ड

चांदी जहां 2,11,100 रुपये प्रति किलो के आसपास कारोबार कर रही है, वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,34,850 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,23,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर ट्रेड करता नजर आया.
इस साल 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली है, जिसने निवेशकों का रुझान शेयर बाजार से हटाकर सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर मोड़ दिया है. जहां चांदी ने साल भर में करीब 135 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल दर्ज किया है, वहीं सोना भी लगातार नई ऊंचाइयों को छूता रहा है. हालांकि शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सर्राफा बाजार में हल्की नरमी देखने को मिली.

आपके शहर का ताजा भाव-

चांदी जहां 2,11,100 रुपये प्रति किलो के आसपास कारोबार कर रही है, वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,34,850 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,23,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर ट्रेड करता नजर आया, जिसमें जीएसटी और मेकिंग चार्ज शामिल नहीं हैं. देश के अन्य प्रमुख शहरों की बात करें तो दिल्ली और जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बना हुआ है, जबकि अहमदाबाद में यह 1,34,900 रुपये और पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु व कोलकाता में 1,34,850 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है. इसी तरह 22 कैरेट सोने की कीमत दिल्ली और जयपुर में 1,23,760 रुपये, अहमदाबाद में 1,23,660 रुपये और पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु तथा कोलकाता में 1,23,610 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की आपूर्ति से जुड़े संकेत अहम हैं. स्विस कस्टम्स के ताजा आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में स्विट्जरलैंड से सोने के निर्यात में करीब 15 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो फरवरी के बाद भारत को होने वाले शिपमेंट में सबसे बड़ी कमी मानी जा रही है.

भारत में गिरा सोना का एक्सपोर्ट

आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में जहां भारत को 26 टन सोने का निर्यात हुआ था, वहीं नवंबर में यह घटकर महज 2 मीट्रिक टन रह गया. इसके उलट, चीन समेत अन्य देशों को सोने का निर्यात 2 टन से बढ़कर 12 टन तक पहुंच गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, ऊंची महंगाई और निवेशकों की सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ती दिलचस्पी के चलते सोना-चांदी लंबी अवधि में मजबूत बने रह सकते हैं, हालांकि अल्पकाल में मुनाफावसूली के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहेगा.

कैसे तय होती है सोने और चांदी की कीमत?

सोना और चांदी के दाम रोज़ाना आधार पर तय किए जाते हैं और इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं. इनमें मुख्यतः निम्नलिखित कारण शामिल हैं: चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं, इसलिए डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव का सीधा असर इन धातुओं की कीमत पर पड़ता है. अगर डॉलर की कीमत बढ़ती है या रुपया कमजोर होता है, तो भारत में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं.

भारत में सोने का अधिकांश हिस्सा आयात किया जाता है. ऐसे में सीमा शुल्क (Import Duty), GST और अन्य स्थानीय टैक्स सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं. वैश्विक बाजार में उथल-पुथल (जैसे युद्ध, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बदलाव) का सीधा असर सोने की कीमत पर पड़ता है. जब वैश्विक बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक शेयर या अन्य अस्थिर संपत्तियों की बजाय सोने जैसे सुरक्षित विकल्पों को चुनते हैं. भारत में सोना केवल निवेश ही नहीं, बल्कि परंपरा और सांस्कृतिक मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है. शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए मांग अधिक होती है, जिससे कीमतें प्रभावित होती हैं. सोना लंबे समय से महंगाई के मुकाबले बेहतर रिटर्न देने वाला विकल्प रहा है. जब महंगाई बढ़ती है या शेयर बाजार में जोखिम होता है, तो लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं. यही कारण है कि इसकी मांग और कीमत हमेशा बनी रहती है.

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