
जीएसटी काउंसिल ने 22 सितंबर 2025 से रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली कई चीजों की कीमतें घटाई है, जिसका असर जीएसटी कलेक्शन पर साफ-साफ दिखने लगा है.
नवंबर 2025 में भारत का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन 1.70 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल नवंबर के जीएसटी कलेक्शन 1.69 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. लेकिन पिछले महीने के मुकाबले कम है.
अक्टूबर में देश में कई बड़े त्योहार थे. इस मौके पर लोगों ने जमकर खरीदारी की, तो सरकार को जीएसटी से अच्छी-खासी कमाई हुई थी. अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 1.96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. वहीं, नवंबर में खरीदारी में जैसे ही कमी आई जीएसटी कलेक्शन में भी गिरावट देखी गई.
नवंबर में ग्रॉस डोमेस्टिक रेवेन्यू 2.3 परसेंट घटकर 1,24,299 करोड़ रुपये रह गया. GST रेट में कमी के बाद यह गिरावट आई है. इसे अलग-अलग करेंगे, तो सेंट्रल GST (CGST) कलेक्शन 34,843 करोड़ रुपये, स्टेट GST (SGST) 42,522 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड GST (IGST) 46,934 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
इम्पोर्ट से बढ़ा टैक्स
नवंबर में सामानों के इम्पोर्ट से रेवेन्यू 10.2 परसेंट बढ़कर 45,976 करोड़ रुपये हो गया. इस उछाल से टोटल ग्रॉस GST रेवेन्यू बढ़कर 1,70,276 करोड़ रुपये हो गया, जो नवंबर 2024 के मुकाबले 0.7 परसेंट की मामूली बढ़त को दर्शाता है. रिफंड की बात करें, तो नवंबर में डोमेस्टिक रिफंड 8,741 करोड़ रुपये रहा और एक्सपोर्ट पर जीएसटी रिफंड 9,464 करोड़ रुपये रहा.
दोनों को मिलाकर नवंबर में टोटल जीएसटी रिफंड 18,196 करोड़ रुपये रहा. रिफंड को एडजस्ट करने के बाद घरेलू GST रेवेन्यू 1.5 परसेंट घटकर 1,15,558 करोड़ रुपये रह गया. हालांकि, एक्सपोर्ट और इंपोर्ट से नेट कलेक्शन में 11.6 परसेंट का जबरदस्त उछाल आया और यह 36,521 करोड़ रुपये हो गया. कुल मिलाकर अप्रैल-नवंबर 2025 में टोटल नेट GST रेवेन्यू साल-दर-साल 7.3 परसेंट बढ़कर 12.79 लाख करोड़ रुपये हो गया.
सेस कलेक्शन में गिरावट
नवंबर 2025 में कम्पेनसेशन सेस कलेक्शन में भारी गिरावट देखी गई. घरेलू सेस कलेक्शन पिछले साल इसी महीने के 12,398 करोड़ रुपये से काफी कम होकर 4,737 करोड़ रुपये रह गया. नेट सेस रेवेन्यू घटकर 4,006 करोड़ रुपये रह गया, जिससे कम्पेनसेटरी फंड पर लगातार दबाव दिखा.
जीएसटी कलेक्शन में कौन सा राज्य सबसे आगे?
नवंबर 2025 के लिए GST कलेक्शन के राज्य-वार एनालिसिस से पता चलता है कि पूरे भारत में मिला-जुला परफॉर्मेंस रहा है. केरल पॉजिटिव ग्रोथ चार्ट में सबसे आगे रहा, जहां SGST में 7 परसेंट की बढ़ोतरी हुई. महाराष्ट्र में भी SGST में 3 परसेंट, जबकि बिहार में 1 परसेंट की मामूली बढ़ोतरी हुई है.



