‘न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी, प्राइवेट कंपनियों के लिए खुलेगा रास्ता’, बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में हम प्राइवेट सेक्टर की सशक्त भूमिका की नींव रखने जा रहे हैं. इससे स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर, एडवांस्ड रिएक्टर्स और न्यूक्लियर इनोवेशन में अवसर बनेंगे. भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और रेगुलेशन को नियंत्रित करने के लिए सरकार यह बिल लाने जा रही है. अभी देश में सभी न्यूक्लियर पावर प्लांट एनपीसीएल जैसी सरकारी कंपनियों के जरिए बनाए जाते हैं. नए बिल के बाद भारतीय और विदेशी दोनों तरह की प्राइवेट कंपनियां न्यूक्लियर पावर के उत्पादन में आ सकेंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हैदराबाद में इंडियन स्पेस स्टार्टअप स्काईरूट्स इनफिनिटी कैंपस का वर्चुअली उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हम एक बहुत महत्वपूर्ण सेक्टर में भी कदम उठाने जा रहे हैं. हम न्यूक्लियर सेक्टर को भी ओपन करने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. इस सेक्टर में भी हम प्राइवेट सेक्टर की सशक्त भूमिका की नींव रखने जा रहे हैं. इससे स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर, एडवांस्ड रिएक्टर्स और न्यूक्लियर इनोवेशन में अवसर बनेंगे. यह रिफॉर्म हमारी एनर्जी सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजिकल लीडरशिप को नई शक्ति देगा. 

अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर का प्रोड्यूसर है, पूरी दुनिया के परमाणु ऊर्जा उत्पादन में उसका 30 प्रतिशत हिस्सा है. अमेरिका की 80 प्रतिशत परमाणु ऊर्जा का उत्पादन प्राइवेट कंपनियां करती हैं. चीन दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा का उत्पादक है. इसका ग्लोबल शेयर 16 प्रतिशत है और चीन का पूरा परमाणु ऊर्जा उत्पादन सरकारी कंपनियों के जरिए किया जाता है. प्राइवेट कंपनियों की इसमें कोई इनवोल्वमेंट नहीं है. फ्रांस का पूरी दुनिया के न्यूक्लियर पावर प्रोडक्शन में 14 प्रतिशत शेयर है और यहां भी लगभग पूरा उत्पादन सरकारी कंपनी EDF ही करती है. रूस चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है, दुनिया के न्यूक्लियर पावर उत्पादन में इसका शेयर 8 प्रतिशत है और पूरा उत्पादन सरकारी कंपनी Rostoam करती है. पांचवें नंबर पर दक्षिण कोरिया है, जिसका ग्लोबल शेयर सात प्रतिशत है और यहां भी न्यूक्लियर ऊर्जा का पूरा उत्पादन सरकारी कंपनी KHNP करती है.

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