बिहार में नीतीश कुमार ही होंगे NDA के मुख्यमंत्री? JDU के पोस्टर ने फिर बढ़ाया सस्पेंस

Bihar News: जेडीयू के पोस्टर में ‘फिर से आ गए नीतीश कुमार’ संदेश के बाद बिहार में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस बढ़ गया है. एनडीए की आधिकारिक घोषणा का इंतजार जारी है.
बिहार की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भले ही एनडीए बहुमत के साथ सत्ता में लौट आया हो, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सस्पेंस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

इसी बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ऐसा पोस्टर शेयर किया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है.

क्या नीतीश कुमार एक बार फिर सांभालेंगे सीएम पद?

जेडीयू द्वारा जारी इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी तस्वीर लगी है, जिसके साथ लिखा है, “बिहार है खुशहाल, फिर से आ गए नीतीश कुमार”. इसके साथ कैप्शन में पार्टी ने टिप्पणी की, “खुशहाल है बिहार… सुरक्षित है बिहार”. इस पोस्ट को देखते ही राजनीतिक विश्लेषकों और बिहार की जनता के बीच यह सवाल उठने लगा कि क्या जेडीयू यह संकेत दे रही है कि नीतीश कुमार ही एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभालेंगे.

जेडीयू का पोस्टर बिहार में बना चार्चा का विषय

एनडीए की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है. बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हम और आरएलएम जैसे गठबंधन के घटक दलों के शीर्ष नेता जल्द ही बैठक कर नेतृत्व तय करेंगे. लेकिन जेडीयू के इस पोस्टर ने तय प्रक्रिया से पहले ही चर्चाओं के दरवाजे खोल दिए हैं. जेडीयू ने पोस्टर का चुनाव ऐसे समय किया है जब  बिहार की राजनीति में सत्ता संतुलन और मुख्यमंत्री पद को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. गौर करने वाली बात यह है कि एनडीए में सबसे ज्यादा सीट बीजेपी को मिली हैं, जबकि जेडीयू दूसरे स्थान पर है. इसके बावजूद जेडीयू लगातार नीतीश कुमार को सर्वमान्य नेता और सुशासन का चेहरा बताती रही है. यही वजह है कि पोस्टर में प्रदर्शित संदेश को अप्रत्यक्ष दावा माना जा रहा है.

नीतीश के विकल्प पर विचार करने के मूड है पार्टी

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह पोस्टर जेडीयू की ओर से जनता और गठबंधन को एक तरह का संकेत है कि पार्टी नीतीश कुमार के विकल्प पर विचार करने के मूड में नहीं है. वहीं बीजेपी की ओर से भी कोई सार्वजनिक असहमति नहीं दिखी है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि निर्णय शायद पहले से ही तय हो चुका हो.

अब सबकी निगाहें एनडीए की होने वाली औपचारिक बैठक पर टिकी हैं, जहां मुख्यमंत्री पद पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी, लेकिन इतना तय है कि जेडीयू के इस पोस्टर ने सस्पेंस और बढ़ा दिया है और बिहार की राजनीति में एक बार फिर नीतीश कुमार की भूमिका को चर्चा के केंद्र में ला दिया है.

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