
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में आ गई है. ED वित्तीय लेनदेन और संदिग्ध ट्रांजैक्शनों की जांच करेगी. अन्य एजेंसियां टेरर फंडिंग और मनी ट्रेल का पता लगा रही हैं. फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर आ गई है. एजेंसी यूनिवर्सिटी से जुड़े वित्तीय लेनदेन और संदिग्ध ट्रांजैक्शनों की गहराई से जांच करेगी. इसके साथ ही अन्य जांच एजेंसियां भी टेरर फंडिंग से जुड़े पहलुओं और मनी ट्रेल का पता लगाने में जुटी हैं. माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी के खातों और संबंधित संस्थानों की जांच से आतंकी मॉड्यूल की फंडिंग को लेकर कई अहम सुराग मिल सकते हैं. बता दें कि दिल्ली धमाके की जांच एनआईए पहले से ही कर रही है. अब ईडी और ईओडब्ल्यू भी इस जांच में शामिल हो गई है.
उधर, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले की जांच के सिलसिले में हरियाणा पुलिस भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के हेडक्वार्टर पहुंची है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल, डॉक्टर शाहीन सईद और डॉक्टर उमर का संबंध इसी यूनिवर्सिटी से रहा है. पुलिस यूनिवर्सिटी से इन तीनों के बारे में विस्तृत जानकारी और उनसे जुड़े दस्तावेज जुटाने पहुंची है ताकि जांच में नए सबूत मिल सकें.
पुलिस को मिली लाल कलर की कार
जिस लाल ब्रेजा कार की तलाश में सुरक्षा एजेंसियां लगी थीं, आखिरकार वह बरामद कर ली गई है. जानकारी के मुताबिक, यह कार फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर से मिली है. यह वही ब्रेजा कार है, जो फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ी हुई बताई जा रही थी और जिसे लेकर आशंका थी कि उसमें विस्फोटक सामग्री हो सकती है. फिलहाल, फोरेंसिक टीम कार की बारीकी से जांच कर रही है. सूत्रों के अनुसार, यह लाल ब्रेजा डॉक्टर शाहीन के नाम पर रजिस्टर्ड है. वही डॉक्टर शाहीन, जो पहले से ही फरीदाबाद डॉक्टर टेरर मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार हो चुकी है.
क्या है पूरा मामला
दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के बाहर सोमवार (10 नवंबर) की शाम करीब 6:52 बजे अचानक एक i20 कार में धमाका हुआ, जिससे इलाके में दहशत फैल गई. शुरुआती जांच में पता चला कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट समेत कई ज्वलनशील पदार्थों का इस्तेमाल किया गया था. धमाके के बाद दिल्ली पुलिस और एनएसजी की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया.
जांच में सामने आया कि धमाके में इस्तेमाल कार डॉ. उमर नबी के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जो अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था. इस मामले में जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद से डॉ. उमर नबी, डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. शाहीन को गिरफ्तार किया है. इनके पास से करीब 2,900 किलो विस्फोटक, हथियार और कोडेड डायरी बरामद हुई है.



