
Lucknow News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उत्तर प्रदेश कारखाना संशोधन विधेयक को अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मंजूरी दिए जाने के बाद योगी सरकार ने यह कदम उठाया है. कामकाजी महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को रात्रिकालीन पाली में काम करने की अनुमति दी है. मुख्यमंत्री की जनसंपर्क टीम द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, घर से लेकर कार्यालय तक हर स्तर पर सुरक्षा के कड़े उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उत्तर प्रदेश कारखाना संशोधन विधेयक को अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में मंजूरी दिए जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.
एक बयान के मुताबिक, नए प्रावधानों के तहत महिलाएं लिखित सहमति देने के बाद अब शाम सात बजे से सुबह छह बजे के बीच काम कर सकती हैं. यह लिखित सहमति राज्य के श्रम विभाग में पंजीकृत होना आवश्यक है.
इसके अलावा कारखानों में सुरक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन सुविधाओं के साथ ही सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा गार्ड की तैनाती अनिवार्य की गई है. इस निर्णय से महिला कर्मचारी अपनी सहमति से लगातार छह घंटे तक बिना किसी अंतराल के कार्य कर सकती हैं.
ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही
बयान में कहा गया है कि महिलाओं के लिए ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही की गई है जिसका भुगतान दोगुनी मज़दूरी दर से किया जाएगा. इसके अलावा, महिलाओं को कारखानों और ख़तरनाक श्रेणी के उद्योगों में अपने जोखिम को आज़माने का बड़ा अवसर मिला है. अब महिलाएं अपने भीतर डर को जीतकर ख़तरनाक श्रेणी वाले कामकाज में भी हाथ आज़माएंगी जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा.
महिलाओं को सभी 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में कार्य करने की मिली अनुमति
सरकार ने महिलाओं को सभी 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में कार्य करने की अनुमति दी है, जबकि पहले महिलाओं को केवल 12 ख़तरनाक श्रेणी वाले कार्य करने की सीमित छूट थी. योगी सरकार का ये फैसला औद्योगिक विस्तार और तकनीकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.



