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Yellow Metal Price: अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और अगले महीने यूएस फेडरल रिज़र्व की ओर से ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद ने निवेशकों को एक बार फिर से सुरक्षित निवेश साधनों की ओर आकर्षित किया है. सोने और चांदी की कीमतों में सोमवार को तेजी का रुख देखने को मिला है. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और अगले महीने यूएस फेडरल रिज़र्व की ओर से ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद ने निवेशकों को एक बार फिर से सुरक्षित निवेश साधनों की ओर आकर्षित किया है.

10 नवंबर की दोपहर को एमसीएक्स (MCX) पर सोना 1.64% की बढ़त के साथ 1,23,057 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 2.66% उछलकर 1,51,657 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई.

क्यों बढ़ रहे हैं सोने-चांदी के दाम?

सोने और चांदी के दामों में तेजी के पीछे कई कारक काम कर रहे हैं:

  • वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों में कमी की उम्मीद से बाजार में निवेशकों का रुख कीमती धातुओं की ओर बढ़ा है.
  • कमज़ोर अमेरिकी डॉलर ने अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए सोना-चांदी को सस्ता बना दिया है, जिससे मांग में वृद्धि हुई है.
  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिरता को लेकर चिंताओं ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों, जैसे सोना और चांदी, में भरोसा दिलाया है.
  • निवेशकों को क्या करना चाहिए?
  • बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता और शादियों के सीजन के चलते कीमती धातुओं की कीमतों में आगे भी मजबूती रह सकती है.
  • लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए यह अब भी एक आकर्षक विकल्प है, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखना जरूरी है.
  • विशेषज्ञों का सुझाव है कि खरीदारी से पहले सपोर्ट लेवल और बाजार की दिशा पर गौर किया जाए.
  • ज्वैलर्स का मानना है कि शादी-ब्याह के सीजन के कारण खुदरा मांग में तेजी बनी रहेगी, जिससे कीमतों में दबाव ऊपर की ओर रहेगा.
  • निवेशकों को क्या करना चाहिए?
  • बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता और शादियों के सीजन के चलते कीमती धातुओं की कीमतों में आगे भी मजबूती रह सकती है.
  • लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए यह अब भी एक आकर्षक विकल्प है, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखना जरूरी है.
  • विशेषज्ञों का सुझाव है कि खरीदारी से पहले सपोर्ट लेवल और बाजार की दिशा पर गौर किया जाए.
  • ज्वैलर्स का मानना है कि शादी-ब्याह के सीजन के कारण खुदरा मांग में तेजी बनी रहेगी, जिससे कीमतों में दबाव ऊपर की ओर रहेगा.
  • निवेशकों को क्या करना चाहिए?
  • बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता और शादियों के सीजन के चलते कीमती धातुओं की कीमतों में आगे भी मजबूती रह सकती है.
  • लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए यह अब भी एक आकर्षक विकल्प है, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखना जरूरी है.
  • विशेषज्ञों का सुझाव है कि खरीदारी से पहले सपोर्ट लेवल और बाजार की दिशा पर गौर किया जाए.
  • ज्वैलर्स का मानना है कि शादी-ब्याह के सीजन के कारण खुदरा मांग में तेजी बनी रहेगी, जिससे कीमतों में दबाव ऊपर की ओर रहेगा.
  • निवेशकों को क्या करना चाहिए?
  • बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता और शादियों के सीजन के चलते कीमती धातुओं की कीमतों में आगे भी मजबूती रह सकती है.
  • लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए यह अब भी एक आकर्षक विकल्प है, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखना जरूरी है.
  • विशेषज्ञों का सुझाव है कि खरीदारी से पहले सपोर्ट लेवल और बाजार की दिशा पर गौर किया जाए.
  • ज्वैलर्स का मानना है कि शादी-ब्याह के सीजन के कारण खुदरा मांग में तेजी बनी रहेगी, जिससे कीमतों में दबाव ऊपर की ओर रहेगा.

कैसे तय होते हैं सोने-चांदी के दाम?

सोने और चांदी के दाम कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों पर निर्भर करते हैं:

  1. डॉलर-रुपया विनिमय दर – अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की कीमतें डॉलर में तय होती हैं, इसलिए रुपये की कमजोरी से भारत में कीमतें बढ़ जाती हैं.
  2. आयात शुल्क और कर – सोने का अधिकांश हिस्सा भारत में आयात किया जाता है, जिससे Import Duty, GST और स्थानीय करों का असर कीमत पर पड़ता है.
  3. वैश्विक घटनाएं – युद्ध, मंदी, या ब्याज दरों में बदलाव जैसे घटनाक्रम सीधे तौर पर कीमती धातुओं के दाम को प्रभावित करते हैं.
  4. सांस्कृतिक और मौसमी मांग – भारत में सोना केवल निवेश नहीं, बल्कि परंपरा से जुड़ा है. शादी और त्योहारों के मौसम में मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल आता है.
  5. महंगाई और बाजार जोखिम – जब महंगाई बढ़ती है या शेयर बाजार में अस्थिरता रहती है, तब निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मानते हैं, जिससे कीमतों में तेजी आती है.
  6. अभी के हालात में सोने और चांदी दोनों में तेजी का रुख बरकरार है. हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों के लिए बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. लॉन्ग टर्म निवेशक और शादी की खरीदारी करने वाले उपभोक्ता सावधानी से फैसला लें और बाजार के ट्रेंड पर नजर बनाए रखें.

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