
Dhami Government: उत्तराखंड में धामी सरकार के प्रचार और निवेश से तीन साल में 23.46 करोड़ पर्यटक पहुंचे. इससे राज्य में पर्यटन बढ़ा, स्थानीय आय और रोजगार में उछाल भी आया. देवभूमि उत्तराखंड ने अपने धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन के प्रचार-प्रसार के चलते पिछले तीन वर्षों में रिकॉर्ड पर्यटक संख्या दर्ज की है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार की ठोस नीतियों और प्रचार रणनीतियों के चलते 2022-23 से 2024-25 के बीच 23.46 करोड़ पर्यटकों ने उत्तराखंड का दौरा किया. यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में दुगना से भी अधिक है और राज्य के पर्यटन क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करता है.
पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस शासनकाल (2012-13 से 2016-17) में राज्य में कुल 13.59 करोड़ पर्यटक आए. बीजेपी की त्रिवेंद्र सरकार (2017-18 से 2021-22) में कोविड जैसी वैश्विक महामारी के बावजूद यह संख्या बढ़कर 15 करोड़ तक पहुंच गई थी. लेकिन असली छलांग धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में देखने को मिली, जब ठोस निवेश और प्रचार रणनीति के जरिए राज्य का पर्यटन पूरे वर्ष बहारमासी और समृद्ध हुआ.
उत्तराखंड में पर्यटन से बढ़ रही राजस्व वृद्धि
धामी सरकार ने चारधाम यात्रा, एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का कायाकल्प और होमस्टे योजना जैसे पर्यटन क्षेत्रों का व्यापक प्रचार किया. इसके परिणामस्वरूप न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ी, बल्कि स्थानीय लोगों की आय में भी बम्पर उछाल आया और रोजगार के अवसर बढ़े. पर्यटन क्षेत्र में निवेश और प्रचार ने सीधे तौर पर सरकारी खजाने में राजस्व वृद्धि भी सुनिश्चित की.
प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही सरकार- विपक्ष
हाल ही में सोशल मीडिया और विपक्ष की ओर से यह दावा किया गया कि धामी सरकार ने केवल प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च किए. लेकिन आंकड़े और परिणाम इस दावे को खारिज करते हैं. प्रचार सिर्फ दिखावा नहीं रहा, बल्कि यह निवेश वास्तव में ठोस विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने वाला साबित हुआ. शीतकालीन यात्रा की पहल ने पर्यटकों की संख्या और भी बढ़ा दी और पूरे साल राज्य में पर्यटन गतिविधियों को सक्रिय रखा.
नए कीर्तिमान छू रहा है राज्य का पर्यटन क्षेत्र
सरकार के अनुसार, नीतियां और प्रचार रणनीति केवल खर्च नहीं, बल्कि परिणामदायक निवेश रही हैं. राज्य का पर्यटन क्षेत्र नए कीर्तिमान छू रहा है, स्थानीय लोगों की आय बढ़ी है और सरकारी राजस्व में इजाफा हुआ है. आंकड़े खुद यह साबित कर रहे हैं कि आलोचनाओं और झूठी खबरों के विपरीत, यह निवेश ठोस विकास और सकारात्मक परिणाम का प्रमाण है.