
सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंका. हालांकि, जस्टिस सुरक्षित रहे. घटना खजुराहो विष्णु मूर्ति याचिका और विवादित टिप्पणी के बाद हुई.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नियमित सुनवाई के दौरान अचानक एक भयावह घटना हुई. एक शख्स ने भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंक दिया. सौभाग्य से जूता केवल उनके पैर तक गया और चीफ जस्टिस को कोई शारीरिक चोट नहीं आई.
इस घटना ने भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक नकारात्मक छाया डाली. घटना के बावजूद चीफ जस्टिस गवई पूरी तरह शांत रहे और उन्होंने कहा: “मुझे इस तरह की घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता. आप लोग अपनी दलीलें जारी रखें.”
आरोपी वकील कौन है?
आरोपी वकील राकेश किशोर हैं. कोर्ट स्टाफ ने उन्हें पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. घटना के समय राकेश किशोर चिल्ला रहे थे. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार राकेश किशोर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के रजिस्टर्ड सदस्य हैं और दिल्ली के मयूर विहार इलाके में रहते हैं. उन्होंने 2009 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन कराया था. उनके पास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, शाहदरा बार एसोसिएशन और दिल्ली बार काउंसिल के सदस्यता कार्ड भी मिले.
जूता फेंकने की वजह
यह घटना मध्य प्रदेश के खजुराहो परिसर में क्षतिग्रस्त विष्णु प्रतिमा की पुनर्स्थापना से जुड़ी याचिका के सिलसिले में हुई थी. 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापना के लिए याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने इसे प्रचार हित याचिका करार दिया.
चीफ जस्टिस गवई ने क्या कहा था?
चीफ जस्टिस गवई ने कहा था, “यह पूरी तरह से प्रचार हित याचिका है. जाइए और स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहिए. यदि आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं तो प्रार्थना कीजिए और थोड़ा ध्यान भी कीजिए.” इस टिप्पणी पर हिंदूवादी संगठनों ने नाराजगी जाहिर की थी और सोशल मीडिया पर भी इस पर व्यापक बहस हुई.