केशव प्रसाद मौर्य बोले- ‘अखिलेश यादव का बरेली में प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी और बचकाना कदम है’

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में पार्टी के 14 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को बरेली दंगे की जांच के लिए नामित किया था.
उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते 26 सितम्बर को जुम्मे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद अब उस पर सियासत भी शुरू हो चुकी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बरेली मामले में जांच के लिए 14 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल को नामित किया. जिस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे अखिलेश यादव की नौटंकी करार दिया और कहा कि सपा की पहचान ही मुस्लिम तुष्टिकरण की गंदी राजनीति से है.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में सपा का सफाय तय है. बरेली में इन्टरनेट सेवा बंद होने के साथ ही नेताओं की गतिविधियों को पुलिस ने रोक दिया है. साथ ही किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक है.

केशव प्रसाद मौर्य का बयान

यूपी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर शनिवार सुबह पोस्ट की, जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि “सपा बहादुर अखिलेश यादव का बरेली में प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी और बचकाना कदम है. सपा की पहचान मुस्लिम तुष्टिकरण की गंदी राजनीति से है. विधानसभा चुनाव 2027 में सपा की दुर्दशा और सफाया होना तय है. यूपी दंगा मुक्त, सुशासन व क़ानून व्यवस्था हमारी पहचान और उपलब्धि है. सपाइयों को यही रास नहीं आ रहा.”

माता प्रसाद और बर्क हाउस अरेस्ट

उधर अखिलेश यादव ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में पार्टी के 14 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को बरेली दंगे की जांच के लिए नामित किया था. इससे पहले ये सपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जाता, पुलिस ने लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय और संभल में सांसद जिया उर रहमान बर्क को हाउस अरेस्ट कर लिया है.

इससे पहले पुलिस ने नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को भी बरेली जाने से रोक दिया था. बरेली में शुक्रवार 3 अक्टूबर को जुम्मे की नमाज शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई. 48 घंटे के लिए इटरनेट सेवा बंद करदी गयी थी.

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