UP News: यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के अंतिम दिन गन्ना विभाग की कार्यशाला, खेती में तकनीकी इस्तेमाल पर जोर

Greater Noida News: यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के आखिरी दिन सोमवार को गन्ना विभाग की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें उत्पादन बढ़ाने संबंधि कई विषयों पर चर्चा हुई.
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के आखिरी दिन सोमवार को गन्ना विभाग द्वारा “सतत विकास हमारा प्रयास” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में गन्ना उत्पादन बढ़ाने, किसानों की समस्याओं के समाधान और गन्ना उद्योग को नई तकनीक से जोड़ने पर विस्तार से चर्चा की गई. 

इसमें यूपीसीएसआर के डायरेक्टर वी.के. शुक्ला, सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर अजय कुमार तिवारी, मवाना शुगर के एमडी आर.के. गंगवार और जॉइंट केन कमिश्नर आर.सी. पाठक समेत कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अपने विचार रखे. डायरेक्टर वी.के. शुक्ला ने कहा कि हाल के वर्षों में सरकार का प्रयास रहा है कि किसानों को समय पर भुगतान मिले और चीनी मिलों की क्षमता में वृद्धि हो.  अबतक 38 चीनी मिलों ने अपनी क्षमता बढ़ाई है ताकि पेराई समय पर हो सके.

गन्ने की खेती में तकनीकी इस्तेमाल पर जोर

उन्होंने कहा कि भविष्य में गन्ने की खेती में रिमोट सेंसिंग, AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करने पर ध्यान दिया जाएगा. इससे खेतों की निगरानी आसान तो होगी ही, फसलों को लगने वाली बीमारियों का समय से उपचार किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि भविष्य में चीनी मिलें केवल चीनी उत्पादन का केंद्र नहीं रहेंगी, बल्कि इससे जुड़े कई अन्य उत्पादों का हब बनेंगी.

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार

सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर अजय कुमार तिवारी ने किसानों से अपील की कि वे खेतों में अंधाधुंध खाद का इस्तेमाल न करें. उन्होंने गन्ने की फसल को लगने वाले लाल सड़न रोग (Red Rot Disease) पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अगले पांच सालों में इस बीमारी पर नकेल कसने की पूरी कवायद होगी.

वहीं, जॉइंट केन कमिश्नर आर.सी. पाठक ने कहा कि लाल सड़न रोग की वजह से गन्ने की Co-238 प्रजाति को काफी नुकसान हुआ है. कभी यह सबसे लोकप्रिय किस्म थी, लेकिन रोग और उत्पादन क्षमता घटने की वजह से किसान अब इसे लगाने से बचने लगे हैं. कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों ने इस बात पर सहमति जताई कि नई तकनीकों के प्रयोग से गन्ने की खेती और चीनी उद्योग दोनों को स्थायी विकास की नई दिशा मिलेगी.

These and other changes were informed by a series of consultations with a wide range of stakeholders, including representatives of CBOs, state and local health departments, healthcare organizations, capacity-building organizations, and federal agencies. The increased risk of tumor development in immunosuppressed patients, instances of spontaneous tumor regression, and the appearance of tumor-reactive T cells and B cells in relation to improved prognosis all point to a role for the immune system in suppressing tumor growth.

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