यूपी में पिछड़े वर्ग की बेटियों के लिए यह बड़ा फैसला ले सकती है सरकार, प्लान तैयार

UP News: पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि अब अनुदान को 60 हजार रुपये करने का प्रस्ताव बनाया गया है, जिसका लाभ पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों को मिलेगा.
उतर प्रदेश की योगी सरकार में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की तर्ज पर पिछड़े वर्ग की गरीब बेटियों को आर्थिक मदद की तैयारी कर रही है. अभी तक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की शादी अनुदान योजना में महज 20 हजार रूपए मिलते हैं, जबकि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में वधु के खाते में 60 हजार रूपए सरकार देती है. अब पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने इसी समरूप में योजना तैयार की है.

इस योजना का मकसद OBC गरीब परिवार की बेटियों की शादी की व्यवस्था करना है. जल्द ही ऐसे परिवारों को चिन्हित कर लाभ दिलाया जाएगा.

पिछड़े गरीब परिवारों को मिलेगा लाभ

पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि अब अनुदान को 60 हजार रुपये करने का प्रस्ताव बनाया गया है, जिसका लाभ पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों को मिलेगा. हमारी सरकार गरीब और पिछड़े की हर संभव मदद कर रही है.

दो बेटियों की शादी में मिलती है मदद

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग अन्य पिछड़ा वर्ग ( अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग को छोड़कर) के गरीब परिवारों की बेटियों के लिए शादी अनुदान योजना का संचालन कर रहा है. इसमें एक लाख रुपये प्रतिवर्ष तक की आय वाले परिवारों की बालिग बेटियों की शादी पर 20 हजार रुपये की राशि अनुदान के रूप में दी जाती है. योजना के तहत एक परिवार की अधिकतम दो बेटियों की शादी के लिए ही अनुदान दिया जाता है. आवेदन के लिए आय प्रमाणपत्र की अनिवार्यता होती है. वहीं निराश्रित महिला या विधवा महिला आवेदकों को वरीयता दी जाती है और उनको आय प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होती.

सामूहिक विवाह योजना में बढ़ी राशि

बता दें कि योगी सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की राशि बढ़ा दी है. पहले एक लड़की की शादी के लिए 51 हजार रुपये दिए जाते थे. जिसमें 35 हजार रुपये वधू के खाते में जाते थे और 10 हजार की कीमत का सामान नवयुगलों को मिलता था. अब इस राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है, 60 हजार रुपये सीधे खाते में भेजने के साथ 25 हजार रुपये का सामान्य विवाहित जोड़े को उपहार स्वरूप दिया जाता है.

इसी योजना की टार पर पिछड़े वर्ग की कन्याओं में भी शादी अनुदान बढ़ाने की मांग की जा रही थी. जिस पर प्रस्ताव बन गया है.

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