
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा है कि इस साल के अंत तक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप दिया जाएगा. भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ की वजह से रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे. हालांकि इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (17 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं. इस बीच ट्रंप को झटका देने वाली खबर आई है. यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह इस साल के अंत तक भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसका अमेरिका को भी नुकसान हो रहा है.
यूरोपीय संघ (EU) ने रक्षा, व्यापार और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में भारत के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने और प्रमुख वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटने के लिए बुधवार को एक नया रणनीतिक एजेंडा पेश किया. EU ने कहा कि बदलती भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के मद्देनजर भारत के साथ उसकी साझेदारी महत्वपूर्ण होती जा रही है और दोनों पक्षों के लिए आर्थिक विकास और सुरक्षा को मजबूत करना जरूरी है.
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ”अब समय आ गया है कि भरोसेमंद साझेदारों पर ध्यान केंद्रित किया जाए. साझा हितों और समान मूल्यों पर आधारित साझेदारियों को दोगुना किया जाए. हमारी नई यूरोपीय संघ-भारत रणनीति के साथ, हम अपने संबंधों को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं.”
भारत-यूरोपीय संघ के बीच कब साइन होगा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट
यूरोपीय संघ की शीर्ष नेता ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि नया एजेंडा व्यापार, निवेश और प्रतिभा गतिशीलता को आगे बढ़ाना, संयुक्त आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करना और रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग को गहरा करना होगा. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ”यूरोप पहले से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और हम इस वर्ष के अंत तक अपने फ्री ट्रे एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यूरोप व्यापार के लिए खुला है और हम भारत के साथ अपने साझा भविष्य में निवेश करने के लिए तैयार हैं.”
27 सदस्य देशों के सामने पेश होगा एजेंडा
नए रणनीतिक एजेंडे को यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों के सामने पेश किया जाएगा. इसे अगले साल होने वाले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में अपनाया जाएगा. नए रणनीतिक एजेंडे में साझा हित के पांच क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें सुरक्षा , कनेक्टिविटी और वैश्विक मुद्दे, समृद्धि, स्थिरता, प्रौद्योगिकी और नवाचार शामिल हैं.