
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को जयपुर जिले के दो राजकीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आईं, जिस पर मंत्री ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए।
सुबह करीब 8 बजकर 3 मिनट पर मंत्री दिलावर महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, दरमी कलां, सांगानेर पहुंचे। यहां पहुंचते ही उन्होंने देखा कि सभी शिक्षक स्टाफ रूम में बैठे हुए थे और मंत्री को देखते ही वे कक्षाओं की ओर भागे। मंत्री ने इस पर नाराजग़ी जताई और उपस्थिति रजिस्टर की जांच की। जांच में कंप्यूटर शिक्षक लेवल-1 रामकुमार और मोहनलाल यादव बिना अनुमति अनुपस्थित पाए गए। इस पर मंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान बिना सक्षम स्तर से अनुमति लिए कोई भी शिक्षक अवकाश पर नहीं जा सकता। दोनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। वहीं, शिक्षिका सरोज गुप्ता मेडिकल लीव पर पाई गईं।
इसके बाद मंत्री ने विद्यालय की कैश बुक की जांच की। जांच में सामने आया कि 23 जुलाई 2025 से अब तक किसी भी प्रकार का इंद्राज कैश बुक में नहीं किया गया था। जब मंत्री ने प्रिंसिपल से कारण पूछा तो उन्होंने बाबू न होने का कारण बताया।
मंत्री ने कक्षा-कक्षों का निरीक्षण किया तो वहां साफ-सफाई की बेहद खराब स्थिति मिली। कमरों में झाड़ू तक नहीं लगा था और गंदगी फैली हुई थी। इसके अलावा सभी शिक्षकों के पास मोबाइल फोन थे, जबकि स्पष्ट निर्देश है कि मोबाइल प्रिंसिपल के पास ही जमा होने चाहिए। मंत्री के सवालों का संतोषजनक उत्तर न देने पर विद्यालय के प्रिंसिपल हेमेंद्र सिंह के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए।
इसके बाद शिक्षा मंत्री सीधे पी एम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जयसिंहपुरा पहुंचे। यहां स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर मिली। सभी विद्यार्थी कक्षाओं में मौजूद थे और शिक्षक पढ़ा रहे थे। भवन भी साफ-सुथरा मिला और विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया था। हालांकि, मंत्री ने जब बच्चों से शैक्षणिक स्तर से जुड़े प्रश्न पूछे तो स्थिति कमजोर नजर आई। कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को अंग्रेजी शिक्षक पढ़ा रहे थे, लेकिन जब “नॉलेज” शब्द की स्पेलिंग पूछी गई तो कोई भी छात्र सही जवाब नहीं दे पाया। इसी प्रकार कक्षा 4 के बच्चों को हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षक की कक्षा में जब कविता सुनाने को कहा गया तो बच्चा उसे सही तरह से नहीं पढ़ पाया।
शिक्षा मंत्री ने दोनों विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि शिक्षा व्यवस्था में ढिलाई किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों और शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा कि विद्यालयों में अनुशासन, साफ-सफाई और शिक्षण गुणवत्ता पर किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।